बढ़ रहीं गंगा, तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों में दहशत

गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 04:46 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:39 PM (IST)
बढ़ रहीं गंगा, तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों में दहशत
बढ़ रहीं गंगा, तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों में दहशत

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला बना हुआ है। इससे तटवर्ती ग्रामीणों की धड़कन भी बढ़ने लगी हैं। गंगा का जलस्तर में रविवार को चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। तीसरे पहर तीन बजे तक गंगा का जलस्तर 57.610 मीटर रिकार्ड किया गया। अनुमान लगाया जा रहा है गंगा के जलस्तर में अभी आगे भी बढ़ाव जारी रहेगा। फिलहाल यह खतरे के निशान 63.105 से काफी नीचे है।

बीते दिनों जलस्तर में कई बार बढ़ाव होने के बाद कुछ दिनों से गंगा शांत थीं, लेकिन अचानक चार दिनों से फिर से बढ़ाव शुरू हो गया है। इसके बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की चिता फिर बढ़ गई है। केंद्रीय कार्यालय के जल प्रभारी सुरेंद्र ने बताया कि चार सेमी के हिसाब से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। उम्मीद लगाई जा रही है कि अभी बढ़ाव जारी रहेगा। हालांकि अभी डरने की आवश्यकता नहीं है। जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है।

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गंगा की धारा में दिख रहा तेज प्रवाह

मुहम्मदाबाद : गंगा का जलस्तर चार दिनों पूर्व अचानक बढ़ना शुरू हो गया। इस समय धारा में काफी तेज प्रवाह दिख रहा है। तटवर्ती लोगों के मुताबिक तीन दिनों में गंगा के जलस्तर में करीब डेढ़ मीटर से अधिक का बढ़ाव हुआ है। जलस्तर बढ़ने से कटान प्रभावित बच्छलपुर, सेमरा, शिवरायकापुरा, रामतुलाई से शेरपुर के बीच रहने वाले लोगों की चिता बढ़ गयी है। फिलहाल जलस्तर काफी नीचे होने से खतरा कम है। बाढ़ आने से व्यापक स्तर पर मिर्च, टमाटर के साथ अरहर, बाजरा आदि की खेती बर्बाद होगी। बाढ़ आने से सबसे ज्यादा परेशानी कटान पीड़ित परिवारों की बढ़ जाती है जो करीब आठ- नौ वर्ष से गांव के मुख्य सड़कों के किनारे व अगल-बगल झोपड़ी डालकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ़ व तेज बारिश से जलजमाव होने पर उनकी झोपड़ी में पानी भर जाता है। इससे उनकी गृहस्थी प्रभावित होने लगती है।

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