गंगा, कर्मनाशा घटाव पर, गोमती स्थिर

गंगा कर्मनाशा का जलस्तर मंगलवार की देर रात से घटाव पर.

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:22 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 09:41 PM (IST)
गंगा, कर्मनाशा घटाव पर, गोमती स्थिर
गंगा, कर्मनाशा घटाव पर, गोमती स्थिर

जागरण संवाददाता, गाजीपुर :

गंगा, कर्मनाशा का जलस्तर मंगलवार की देर रात से घटाव पर, गोमती का पानी स्थिर होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। कर्मनाशा के तटवर्ती इलाकों में फसल जलमग्न है। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, वहीं पशुओं के लिए चारा का संकट भी हो गया है। शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर 61.310 रहा, जबकि खतरे का निशान 63.105 सेंटीमीटर है। ग्रामीणों ने महसूस की राहत

मुहम्मदाबाद : गंगा के जलस्तर में कमी होने से तटवर्ती लोगों ने राहत महसूस किया। लगातार पांच दिनों से बढ़ रहे जलस्तर के चलते गंगा पूरी तरह से भर चुकी हैं। यदि उसी तरह बढ़ाव रहता तो बाढ़ आ सकती थी। फिलहाल बाढ़ का खतरा टलता नजर आ रहा है। जलस्तर कम होने से सेमरा-शिवरायकापुरा के पूरब रामतुलाई से आगे कटान होने की आशंका व्याप्त हो गई। रामतुलाई के पास ठोकर निर्माण का कार्य पूर्ण न होने से उसके आगे खतरा बरकरार है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जलस्तर तेजी से नीचे नहीं गया तो रामतुलाई से शेरपुर के बीच कटान से मुश्किल बढ़ सकती है।

--- सड़कों तर पानी, पशुपालक परेशान

जमानियां : कर्मनाशा के जलस्तर में घटाव होने से तटवर्ती गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन नदी का पानी कई गांवों के सड़कों पर चढ़ गया है। नदी से सटे खेतों में पानी भरने से किसानों को नुकसान भी हुआ है और पशुओं का चारा भी पानी में डूब जाने से पशुपालक चारा को काटकर सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। एसडीएम प्रतिभा मिश्रा व तहसीलदार घनश्याम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। तहसील के गंधुतालुका क्षेत्र में सोमवार को कर्मनाशा में एकाएक जलस्तर बढ़ जाने से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं। कर्मनाशा से सटा गायघाट व धुस्का गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गया है। पशुपालक पशुओं को लेकर गांव के मुख्य मार्ग पर पहुंच गए हैं। वहीं रायपुरा, कसेरूआ, करमहरी, देवढ़ी, दाउदपुर आदि गांव के सिवान में कर्मनाशा नदी का पानी घुस गया है। इससे धान की पूरी फसल बर्बाद होने के आसार बन

गए हैं। जलस्तर बढ़ जाने से ग्रामीणों में परेशानी बढ़ी हुई है। किसी को फसल की चिता है, तो किसी को घर गृहस्थी बचाने की चिता है। लेखपाल लगातार संबंधित गांवों का दौरा कर रहे हैं तथा ग्रामीणों से वार्ता कर अधिकारीयों को सूचित कर रहे है। तहसीलदार घनश्याम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा किया जा रहा है। राजस्व कर्मियों को हल्के में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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कई गांवों में फसलें जलमग्न

भदौरा : लगातार बारिश के चलते चंदौली के पांच प्रमुख बांध लबालब हो गए हैं। मूसाखादड़, चंद्रप्रभा, नौगढ़, भैसोड़ा,

मुजफ्फरपुर और लतीफशाह बीयर लबालब हो गए हैं। बांधों में जलग्रहण क्षमता से अधिक हो गई है। इससे पानी ऊपर से बहकर कर्मनाशा नदी में गिर रहा है। पानी अब मैदानी भागों में पानी फैलने लगा है। इससे सटे तटीय इलाकों में बसे गांवों के लोग बाढ़ आने की संभावना से सशंकित हैं। हालांकि, अभी स्थिति सामान्य व खतरे से बाहर है। चंदौली के प्रमुख बांधों से निकली कर्मनाशा नदी सेवराई तहसील क्षेत्र में दर्जनों गांवों को छूते हुए बारा के पास गंगा में मिल जाती है। बांधों का पानी ओवरफ्लो होकर कर्मनाशा में गिरने से तटवर्ती गांव देवल, अमौरा, सुरहां, सायर, रायसेनपुर, भतौरा, दलपतपुर, मगरखाई, हरिकरनपुर, बारा, कुतुबपुर आदि गांवों में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। फिलहाल, कुछ गांवों में सिवान जलमग्न हो गए हैं। इससे हाल में रोपी गई धान की फसल बर्बाद होने के कगर पर है।

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गोमती स्थिर, मिली राहत

खानपुर : क्षेत्र की प्रमुख नदी गंगा के जलस्तर में धीमी गति से घटाव जारी है। बुधवार की सुबह यह रफ्तार काफी तेज

थी, लेकिन शाम होते होते इसमें कमी आ गई। सुबह पांच बजे गंगा की रफ्तार दो सेमी प्रति घंटा थी जो क्रमश: धीमी होती चली गई। शाम को रफ्तार कम होकर एक सेमी प्रति घंटा पहुंच गई। इधर, गोमती के जलस्तर में ठहराव बना हुआ

है। गोमती भी एक घंटा में एक सेमी बढ़ रही है। पानी घटने से राहत महसूस कर रहे तटवर्ती लोग बरसात होने पर उनकी धुकधुकी बढ़ जाती है। कुछ दिनों पहले बरसात के बाद गंगा और गोमती का पानी बढ़ने लगा था। गोमती नदी के तट पर आधा दर्जन से अधिक गांव बसे हैं, जिनके खेतों में पानी लग जाने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार अभी गंगा में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और जलस्तर में बढ़ाव का क्रम धीमा होकर रुक सकता है।

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