एकीकृत कृषि प्रणाली से समृद्ध होंगे किसान

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 07:26 PM (IST)
एकीकृत कृषि प्रणाली से समृद्ध होंगे किसान
एकीकृत कृषि प्रणाली से समृद्ध होंगे किसान

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : कृषि विज्ञान केंद्र पीजी द्वारा 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के तहत 14वें बैच का तीन दिवसीय 'एकीकृत कृषि प्रणाली' प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार को हुआ। इसमें प्रवासी श्रमिकों को खेती की नई विधा के बारे में बताया गया। केंद्र फसल विशेषज्ञ डा. एसके सिंह ने कहा कि एकीकृत कृषि प्रणाली से तात्पर्य कृषि की उस प्रणाली से है जिसमें कृषि के विभिन्न घटक जैसे-फसल उत्पादन, पशुपालन, फल तथा सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, वानिकी इत्यादि को इस प्रकार समेकित किया जाय कि वे एक दूसरे के पूरक हों। इससे संसाधनों की क्षमता, उत्पादकता एवं लाभप्रदता में पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए वृद्धि की जा सके, इसे एकीकृत प्रणाली कहते हैं। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि समन्वित कृषि प्रणाली अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं, इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। समन्वित कृषि प्रणाली से तात्पर्य फसल के अलावा अन्य अतिरिक्त व्यवसाय जैसे-गे पालन, भैंस पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन,

मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्ट, मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन आदि से है। एकीकृत कृषि प्रणाली एक स्व-संपोषित प्रणाली है। इसमें अवशेषों के चक्रीय तथा जल एवं पोषक तत्वों आदि का निरंतर प्रवाह होता रहता है जिससे कृषि लागत में कमी आती है और कृषक की आमदनी में वृद्धि होती है। साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस अवसर पर केंद्र के डा. डीके सिंह, डा. डीपी श्रीवास्तव, ओमकार सिंह, आशीष कुमार वाजपेयी, आशुतोष सिंह, डा. पीके सिंह, सुनील कुमार व कपिलदेव शर्मा सहित 35 प्रवासी मजदूर उपस्थित थे।

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