मगई के बर्बादी से परेशान किसान न्यायालय की शरण में
जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) मगई नदी के प्रवाह रोकने से फसल बबरद होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होते देख क्षेत्र के काश्तकारों ने उच्च न्यायालय की शरण ली है। काश्तकारों ने उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश अमल में न लाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का वाद दाखिल किया है।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : मगई नदी के प्रवाह रोकने से फसल बर्बाद होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होते देख क्षेत्र के काश्तकारों ने उच्च न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय के पूर्व के आदेश अमल में न लाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शुक्रवार को अवमानना का वाद दाखिल किया है।
कुछ गांवों के दबंगों द्वारा मछली मारने के उद्देश्य से मगई नदी के प्रवाह को रोककर करीब एक पखवारा से अधिक समय से क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी गई है। इससे करीब 25 किलोमीटर एरिया में सवना से लेकर महेंद गांव तक किसानों की फसल डूबकर बर्बाद हो गई। यही नहीं गांवों में भी पानी घुस गया। अधिकारियों की उदासीनता देख एक सप्ताह पूर्व किसानों ने दुबिहा मोड़ पर चक्का जाम भी कर दिया था। इसके बाद एसडीएम जनपद के सीमावर्ती तट तक जाकर अवरोध का हटवाने का कार्य किए। इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई। इसमें छह लोग गिरफ्तार भी हुए। इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक उदासीनता के चलते नदी का प्रवाह सामान्य न होने से आज भी पानी जमा हुआ है। ---
वर्ष 2016 में नदी में शारदा कैनाल से पानी छोड़ने व प्रवाह रोके जाने को लेकर उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया गया था। इसमें अधिकारियों को किसानों की हितों को देखते हुए विशेष निर्देश दिए गए थे। अब तक इसका अनुपालन न होने से उन्हें दोबारा न्यायालय की शरण में जाना पड़ा है।
-अश्वनी राय, प्रधान प्रतिनिधि राजापुर।