आम का अच्छा उत्पादन के लिए सतर्क रहें किसान

जासं, गाजीपुर : कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज की ओर से 'आम में प्रमुख रोगों की पहचान एवं उनका प्रबं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 08:18 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 08:18 PM (IST)
आम का अच्छा उत्पादन के लिए सतर्क रहें किसान
आम का अच्छा उत्पादन के लिए सतर्क रहें किसान

जासं, गाजीपुर : कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज की ओर से 'आम में प्रमुख रोगों की पहचान एवं उनका प्रबंधन' विषय पर प्रशिक्षण शनिवार को देवकली ब्लाक के चांडीपुर में हुआ। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. ओमकार सिंह ने कहा कि बताया कि किसानों आम का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए इस समय सजग रहने की आवश्यकता है। फलों का राजा आम हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण फल है। जनवरी महीने में आम के पेड़ों में बौर आना शुरू हो जाता है। जनवरी-फरवरी महीने में आम के बाग में कई तरह के रोग लगने की संभावना बनी रहती है, जिससे आम के उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। किसानों को अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अभी से इसकी देखभाल करनी होगी। अगर जरा सी चूक हुई तो रोग और कीट पूरी फसल को बर्बाद कर सकते हैं। ऐसे में किसान अभी से प्रबंधन करके नुकसान से बच सकते हैं। इस समय बाग में सिचाई कर देनी चाहिए, जिससे नमी बनी रहे। पेड़ों पर कीटनाशकों का छिड़काव कर देना चाहिए, इसके बाद दूसरा छिड़काव जब आम का फल चने के बराबर हो जाए तब करना चाहिए। बौर आने की अवस्था में यदि मौसम बादल वाला हो या बरसात हो रही हो तो सफेद चूर्णी रोग/दहिया बीमारी लग जाती है। इस बीमारी के प्रभाव से रोगग्रस्त भाग सफेद दिखाई पड़ने लगता है। पेड़ों पर पांच प्रतिशत वाले गंधक दो ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें। इसके अतिरिक्त डायनोकेप कैराथेन एक मिली प्रति लीटर घोलकर छिड़काव करने से भी बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में बौर आने के समय मौसम असामान्य रहा हो वहॉं हर हालत में सुरक्षात्मक उपाय के आधार पर 0.2 प्रतिशत वाले गंधक के घोल का छिड़काव कर देना चाहिए। इसमें लगभग 35 किसानों ने सहभागिता की।

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