गोवंश आश्रय निर्माण के लिए भूमि चयन का निर्देश

विकास कार्यों की राइफल क्लब सभागार में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के तेवर तल्ख रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:17 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:17 PM (IST)
गोवंश आश्रय निर्माण के लिए भूमि चयन का निर्देश
गोवंश आश्रय निर्माण के लिए भूमि चयन का निर्देश

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : विकास कार्यों की राइफल क्लब सभागार में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के तेवर तल्ख रहे। उन्होंने अधूरे कार्य के लिए जहां कार्यदायी संस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की वहीं बूढ़नपुर में गोवंश आश्रय निर्माण के लिए दो दिनों में भूमि का चयन करने का निर्देश दिया।

नगर पालिका जमानियां एवं नगर पंचायत सादात में गोशाला धनाभाव के कारण नहीं हो पाने की जानकारी पर जिलाधिकारी ने पत्राचार करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने ताजपुर कुर्रा में निर्माणाधीन आइटीआइ, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों, राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, पीजी कालेज के पास तालाब का सुन्दरीकरण आदि के संबंध में जानकारी ली। निर्माण कार्य में धनावंटन के बाद भी कम प्रगति वाले कार्याें पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्याें को गुणवत्तापूर्ण एवं मानक के अनुसार निर्धारित समय के अंदर पूरा करें। स्पष्ट किया कि निर्माण कार्याें में किसी भी स्तर पर लापरवाही को बहुत ही गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित विभाग के अधिकारी उसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। 50 लाख एवं 50 लाख से अधिक लागत की परियोजना, मुख्यमंत्री की विकास प्राथमिकता कार्यक्रम, क्रिटिकल गैप्स योजना एवं मुख्यमंत्री की घोषणाओं से जुड़े कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने आवास विकास, राजकीय निर्माण निगम बलिया, वाराणसी, भदोही, सीएनडीएस, जल निगम, लोक निर्माण विभाग, यूपी सिडको, प्रोजेक्ट कार्पोरेशन वाराणसी, आजमगढ़, आरईएस, पर्यटन कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराए जा रहे कार्यों की भी विस्तारपूर्वक समीक्षा की। राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड भदोही व वाराणसी द्वारा कार्य में कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य को शुरू कराने का निर्देश दिया। बैठक में संख्याधिकारी राजेश चौहान, परशुराम, नीरज श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता जल निगम, लोक निर्माण विभाग, संबंधित कार्यदायी संस्था एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी रहे।

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