'एनीमिया मुक्त भारत' पर किया गया विमर्श
जागरण संवाददाता गाजीपुर गर्भवती और धात्री महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) में सुधार लाने
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गर्भवती और धात्री महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा 'एनीमिया मुक्त भारत' कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी के क्रम में बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में न्यूट्रीशन इंटरनेशनल (एनआई) के मंडलीय समन्वयक अपराजिता सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जनपद के सभी ब्लाकों के बीपीएम, बीसीपीएम, सीडीपीओ और एबीएसए ने प्रतिभाग किया।
एनीमिया मुक्त भारत कार्यकम में स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी के रूप में और आइसीडीएसव शिक्षा विभाग सहयोगी के रूप में कार्य करता है। एसीएमओ डा. केके वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण में आए हुए प्रतिभागी अपने ब्लाकों में जाकर आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। अपराजिता ने बताया कि आशा कार्यकर्ता छह माह से 59 माह तक के बच्चों को आइएफए सिरप का एक एमएल सप्ताह में दो दिन पिलाएंगी। इसके अलावा छह से नौ वर्ष के बच्चों को आइएफए की गुलाबी गोली सप्ताह में एक बार खिलाई जाएगी। सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को सप्ताह में एक बार गुलाबी आइएफए की गोली खिलाई जाएगी। वहीं 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को आइएफए की नीली गोली विद्यालय में तथा प्रजनन उम्र की 20 से 24 वर्ष की महिलाओं को प्रत्येक सप्ताह एक आइएफए की लाल गोली, गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं को आइएफए की लाल गोली दी जानी है। साथ ही वर्ष में दो बार किशोर व किशोरियों को एल्बेंडाजोल की एक गोली स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एनीमिया के स्तर को कम करना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनीमिक मरीजों को चिह्नित कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की गोलियां प्रदान की जाएगी।