स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विवादों से पीछा छूटता नजर नहीं आ रहा है। करीब छह माह पूर्व प्रसव पीड़िता महिला की मौत के बाद इस केंद्र के एक स्टाफ नर्स के खिलाफ मामला पंजीकृत हुआ तो वहीं रुपये लेने का वीडीओ भी वायरल हुआ था। इसके बाद केंद्र पर तैनात दो संविदा कर्मियों का विवाद इस कदर बढ़ा कि सीएमओ के निर्देश पर गठित टीम जांच करने पहुंची।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 10:43 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 10:43 PM (IST)
स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग
स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जासं, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विवादों से पीछा छूटता नजर नहीं आ रहा है। करीब छह माह पूर्व प्रसव पीड़िता महिला की मौत के बाद इस केंद्र के एक स्टाफ नर्स के खिलाफ मामला पंजीकृत हुआ तो वहीं रुपये लेने का वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद केंद्र पर तैनात दो संविदा कर्मियों का विवाद इस कदर बढ़ा कि सीएमओ के निर्देश पर गठित टीम जांच करने पहुंची। अभी यह सब मामला लंबित ही है कि इसी बीच बढ़ईपुर गांव के उमेश कुमार ¨बद ने केंद्र पर तैनात एक स्टाफ नर्स के खिलाफ पत्नी की डिलेवरी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी सहित प्रदेश के तमाम अधिकारियों को पत्रक भेजकर कार्रवाई की मांग की है।

अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए उमेश कुमार ¨बद ने बताया है कि वह पिछले 15 नवंबर को अपनी पत्नी रीना देवी का प्रसव कराने के लिए केंद्र पर शाम को पहुंचा। इस दौरान केंद्र पर कार्यरत स्टाफ नर्स मंजू राय द्वितीय ने उनसे कहा कि अगर सही से प्रसव कराना है तो हमें पांच हजार रुपये दो। जब उन्हें यह बताया कि वह काफी गरीब है तो वह उल्टा सीधा बोलने लगी। वहीं धमकी दी कि देखो हम तुम्हारे मरीज के साथ क्या कर रहें है। वह पत्नी को लेबर रूम में ले गई और जानकार-बूझकर लापरवाही पूर्ण प्रसव कराकर जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से घर भेजवा दी। घर पहुंचने पर मेरी पत्नी को काफी रक्तस्त्राव होने लगा। हालत गंभीर देख हम एंबुलेंस बुलाकर जब पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे तो उक्त स्टाफ नर्स ने जिला महिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। जब रेफर का कागजात जिला महिला चिकित्सालय के महिला चिकित्सक को दिखाया तो उस पर रेफर का समय 15 नवंबर की रात 10 बजे ही दिखाया गया था जबकि 16 नवंबर को सुबह करीब छह बजे स्टाफ नर्स द्वारा रेफर किया गया था। बताया कि स्टाफ नर्स की लापरवाही से उसकी पत्नी राजकीय महिला चिकित्सालय में जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रही है। उमेश कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराकर उक्त स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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