गुमटी में जलकर दिव्यांग मोची की मौत

नगर के रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग शिवकुटिया के सामने गुमटी में आग से वृद्ध दिव्यांग मेवालाल (70) की जिदा जलकर मौत हो गई। इससे स्वजन में कोहराम मच गया। मौके पर लोगों की भीड़ लगी रही। आग को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाते रहे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 05:31 PM (IST)
गुमटी में जलकर दिव्यांग मोची की मौत
गुमटी में जलकर दिव्यांग मोची की मौत

जागरण संवाददाता, सादात, (गाजीपुर) : नगर के रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग शिवकुटिया के सामने गुमटी में आग से वृद्ध दिव्यांग मेवालाल (70) की जिदा जलकर मौत हो गई। इससे स्वजन में कोहराम मच गया। मौके पर लोगों की भीड़ लगी रही। आग को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाते रहे।

गुमटी में रहकर जूता, बैग वगैरह की सिलाई करने वाले क्षेत्र के सरैयां निवासी मेवालाल रात्रि में उसी में सोए हुए थे। रात में रहस्यमय परिस्थितियों में आग लगने से वे इसकी चपेट में आ गए और जलकर मौत हो गई। कुछ देर बाद आग की लपट देख लोग पहुंचे तब तक देर हो चुकी थी। परिजनों ने पुलिस को बिना सूचना दिए ही अंतिम संस्कार कर दिया। इसकी जद में आने से बगल में नगर के वार्ड आठ निवासी गुरु प्रसाद की भी गुमटी जलकर राख हो गई। मौत से हर कोई हतप्रभ रहा। पीड़ित परिवार को लोग ढाढ़स बधाते रहे। जिसे भी इसकी जानकारी हुई मौके की ओर दौड़ पड़ा। इधर, मेवालाल के पुत्र राम सेवक ने बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी है। बताया कि आग लगने का अज्ञात है। मेवालाल के घर शोक व्यक्त करने वाले लोगों की भीड़ रही। पत्नी पार्वती सहित परिजनों का बुरा हाल था। थानाध्यक्ष शशिचंन्द चौधरी ने बताया कि इस घटना की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। प्राय: रात में जलाते थे मोमबत्ती

-मेवालाल प्राय: मोमबत्ती जलाकर रखते थे। ऐसे में लोगों ने आशंका जताई कि हो सकता है इसी की आग ज्वाला बन धधकी हो। चूंकि दुकान में सुलेशन आदि था जो इसे जलाने में सहायक बनी होगी। बहरहाल, यह पड़ताल का विषय है।

गुमटी में सोते थे मेवालाल

मेवालाल एक पैर का पंजा शुरू से ही टेढ़ा था। पिछले कई वर्षों से रेलवे स्टेशन रोड पर गुमटी में रहकर जूता-बैग आदि की सिलाई करते थे। वह रात में घर नहीं जाते थे। यहीं पर खाना घर से आता था और खाकर सो जाते थे। गुमटी के ठीक सामने सड़क की दूसरी तरफ नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि राजनाथ यादव का आवास है। देर रात्रि में वह जब किसी निमत्रंण से अपने आवास पर पहुंचे तो देखा कि गुमटी आग से घिरी है। उन्होंने तुरंत ही शोर मचाकर आसपास के लोगों की सहायता से पानी आदि से आग बुझाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्हीं की सूचना पर स्वजन भी पहुंचे। मेवालाल के दो बच्चों (एक लड़का व एक लड़की) की शादी हो चुकी है।

आग की भेट चढ़ा ठेला

गुरु पटवा भी गरीब दुकानदार था। वह नगर पंचायत से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार का लोन लेकर बैग सिलने व माला बेचने का कार्य करता था। उसकी गुमटी के अलावा बाहर रखा ठेला भी जल कर खत्म हो गया। बताया कि दुकान में तीन दिन पहले ही तीन हजार रुपये का सामान लाया था। गुमटी में पांच सौ रुपये व दुकान के अलावा ग्राहकों का सामान था।

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