मौसम का मिजाज गेहूं की फसल के खतरे की घंटी

जासं, गाजीपुर : मौसम की गर्माहट ने गेहूं की फसल के लिए खतरे की घंटी बजानी शुरू कर दी है। वजह जनवरी माह समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 10:09 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 10:09 PM (IST)
मौसम का मिजाज गेहूं की फसल के खतरे की घंटी
मौसम का मिजाज गेहूं की फसल के खतरे की घंटी

जासं, गाजीपुर : मौसम की गर्माहट गेहूं की फसल के लिए खतरे की घंटी है। जनवरी समाप्त होने को है ऐसे में फसल की वृद्धि के लिए अनुकूल माने जाने वाला लापता कोहरा व पाला उत्पादन पर सीधा प्रभाव डालेगा। इसे भांप किसान परेशान हैं तो कृषि वैज्ञानिक भी फसल चक्र पर गंभीर खतरा मंडारने की आशंका जाहिर कर रहे हैं।

सुबह होते ही भगवान भाष्कर की तेज किरणों के चलते जहां तापमान में बढ़ोत्तरी हो जा रही है। रात के समय कोहरा नहीं पड़ने के चलते खेतों की नमी समाप्त होने से गेहूं की फसल पर प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। फसल की वृद्धि के लिए अधिकतम 19 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान बेहतर माना जाता है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक दिसंबर व जनवरी माह गेहूं की फसल के लिए अच्छा होता है। मौजूदा समय में तापमान अधिकतम 24 व न्यूनतम आठ से नौ डिग्री सेंटीग्रेट के आसपास है जो इसके लिए काफी घातक है। सुहवल गांव निवासी किसान ऋषिकेश ने बताया कि फसल की बार-बार ¨सचाई करने के बाद भी खेत से नमी गायब हो जा रही है। कोहरा नहीं पड़ने के चलते फसलों की वृद्धि भी नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में उत्पादन काफी घटेगा। मौसम के इस बेरूखेपन ने किसानों की ¨चता काफी बढ़ा दी है। ---------

5 लाख 77 हजार एमटी गेहूं का हुआ उत्पादन

बीते वर्ष गेहूं की खेती एक लाख 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर की गई थी। अनाज के उत्पादन के लिए करीब 32 ¨क्वटल प्रति हेक्टेयर का अनुमान लगाया गया था। मौसम का मिजाज अच्छा होने पर अनुमान से अधिक करीब 5 लाख 77 हजार 943 एमटी गेहूं का उत्पादन हुआ था। इस बार एक लाख 69 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। अनाज उत्पादन के लिए 32.20 ¨क्वटल प्रति हेक्टर का अनुमान लगा गया है लेकिन मौसम इस अनुमान पर पानी फेरता नजर आ रहा है। ---

-मुहम्मदाबाद निवासी किसान राम समुज को इस बार गेंहू की फसल से बड़ी उम्मीद थी। इसी उपज के बल पर वह न सिर्फ कर्ज देने बल्कि बेटी पूनम के हाथ पीले करने की सोच रखे थे। मौसम ने इस पर पानी फेर दिया है तो ¨चता की लकीरें उन पर साफ दिख रही है। समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। परिवार के लोग भी परेशान हैं। ---

ठंड का मिजाज समझ से परे है। जनवरी समाप्त होने को है पर कोहरा पड़ा ही नहीं। यह गेहूं की फसल के लिए खतरे की घंटी है। उत्पादन पर इसका काफी प्रभाव पड़ेगा। वजह दिसंबर व जनवरी ही इसकी वृद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है।

- डा. दिनेश ¨सह, कृषि वैज्ञानिक प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र ---------

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार ठंड काफी कम है। तापमान अधिक होने से फसलों में झुलसा रोग का प्रभाव बढ़ सकता है। वजह कोहरा नहीं पड़ने से खेतों की नमी गायब हो जा रही है। मौसम के मिजाज में अगर बदलाव नहीं आया तो उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है।- मृत्युंजय ¨सह, कृषि वैज्ञानिक

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