मगई नदी का प्रवाह रोकने से रबी की खेती पर संकट

जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) अब तक कई जगहों पर मगई नदी का प्रवाह रोका गया है। इसके चलते रवि की खेती पर संकट मंडराने लगा है। सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसान आगे की खेती को लेकर चितित हैं। प्रवाह रोकने वाले दबंगों पर कार्रवाई न होने से उनमें आक्रोश है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 05:30 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 05:30 PM (IST)
मगई नदी का प्रवाह रोकने से रबी की खेती पर संकट
मगई नदी का प्रवाह रोकने से रबी की खेती पर संकट

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : अब तक कई जगहों पर मगई नदी का प्रवाह रोका गया है। इसके चलते रबी की खेती पर संकट मंडराने लगा है। सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसान आगे की खेती को लेकर चितित हैं। प्रवाह रोकने वाले दबंगों पर कार्रवाई न होने से उनमें आक्रोश है।

कहीं मगई के जल प्रवाह अवरुद्ध होने तो कहीं बारिश का जमा पानी न निकलने से किसान काफी परेशान हैं। क्षेत्र से होकर बह रही मगई के प्रवाह को मछली मारने वाले दबंगों ने जगह-जगह जाल व बांस, लोहे की चादर आदि लगाकर अवरोध कर दिया गया है। इससे सवना से लेकर महेंद के बीच करीब 25 किलोमीटर तक फसल डूबकर बर्बाद हो रही है। खेतों में धान की फसल लगी है, उसकी बालियां भी तैयार है लेकिन जलजमाव के चलते कटाई करना मुश्किल है। मगई के भरे होने से गाजीपुर बलिया मुख्य मार्ग के दूसरे सिरे पर परसा, ढोढाडीह के बीच धान की फसल लगी खेतों में पानी जमा है। खेतों के सूखने पर ही अगली फसल की बोआई संभव है। आबादान उर्फ बैरान, चकबाकर रजेला, रामपुर, मौना, सरौली के सिवान के पानी निकासी न होने से करीब 100 बीघा से अधिक कृषि भूमि में जलजमाव की समस्या व्याप्त है। किसान मिटू राय, रवींद्र यादव, विजय यादव, अशोक राय, बृजलाल यादव आदि ने बताया कि जलजमाव के चलते काफी परेशानी हो रही है। इसके लिए जल्द ही ठोस उपाय किया जाए।

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