ताड़ीघाट-बारा मार्ग पर भरी जाने लगीं दरारें
दैनिक जागरण की खबर का असर रहा कि ताड़ीघाट-बारा ।
जागरण संवाददाता, भदौरा (गाजीपुर) : दैनिक जागरण की खबर का असर रहा कि ताड़ीघाट-बारा मार्ग मे पड़ीं दरारें भरी जाने लगी हैं। केमिकल और सीमेंट का विशेष मिश्रण तैयार कर कर्मनाशा पुल के पास से सड़क में पड़ी दरार को भरने में कर्मचारी सोमवार को दिन भर जुटे रहे। 228 करोड़ रुपये की लागत से करीब 39 किमी लंबे इस मार्ग का निर्माण कराया गया था। यह मार्ग जिले को बिहार प्रांत से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है।
दैनिक जागरण में आठ जुलाई के अंक में पेज तीन पर '228 करोड़ से बनी सीसी सड़क में दरार' शीर्षक से खबर सचित्र प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। साथ ही गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया गया था। इसके बाद विभागीय अधिकारी सक्रिय हुए और सड़क पर पड़ी दरारों की मरम्मत शुरू हो गई है। वर्ष 2016 में इस मार्ग का आरसीसी निर्माण शुरू हुआ था। दो वर्ष में सड़क बनकर तैयार हो गई। निर्माण के दो वर्ष बाद ही जगह-जगह दरारें पड़ गईं। इससे वाहन चालकों को आवागमन में काफी असुविधा हो रही थी। खासकर दो पहिया वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बन गई थी। बाइकों का टायर सड़क के बीच में बनी गैप में फंसने से चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे। कार्यदायी संस्था को तीन साल तक सड़क की देखरेख करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, यह अवधि समाप्त हो चुकी है। अब इस सड़क की देखरेख करने की जिम्मेदारी एनएचआइ की है। सड़क के गड्ढों को भरवाने का काम पीडब्ल्यूडी विभाग कर रहा है। सोमवार को कर्मचारियों ने कर्मनाशा पुल के समीप सड़क में पड़ी दरार को भरने का काम शुरू किया।
सप्ताह भर में काम हो जाएगा पूरा
ताड़ीघाट -बारा मार्ग अब एनएच घोषित हो चुका है। इसका नंबर 124 सी है। इसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है। मार्ग में जो दरार पड़ीं थीं, उसको भरे जाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए पांच कर्मचारी लगाए गए हैं। पीडब्ल्यूडी वाराणसी डिवीजन की ओर से कार्य हो रहा है। एक सप्ताह के अंदर दरारों को भर दिया जाएगा।
- प्रदीप कुमार शरद, एक्सइएन पीडब्ल्यूडी।