कोरोना प्रभावित शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत
जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र के सिधौना में शिक्षाविदों ने बैठक कर कोरोनाकाल
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर): क्षेत्र के सिधौना में शिक्षाविदों ने बैठक कर कोरोनाकाल में यूपी बोर्ड की परीक्षा पद्धति में बदलाव का सुझाव दिया है। संक्रमण की महामारी में सभी छोटे-बड़े सरकारी और निजी स्कूल व कालेज बंद हैं। इसलिए सरकार और शिक्षा परिषद ने पाठ्यक्रम में कटौती कर छात्रों को राहत पहुंचाई है। इसी प्रकार यदि परीक्षा पद्धति में भी बदलाव कर दिया जाए तो छात्रों को काफी राहत मिलेगी। पूर्व प्रधानाचार्य वीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की आगामी शैक्षिक सत्र प्रभावित होने की वजह से दसवीं और 12वीं की परीक्षा के लिए खुली पुस्तक प्रणाली लागू कर देना चाहिए। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष शिक्षण कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाया है। आगामी शिक्षण सत्र में पूरे पाठ्यक्रम को शिक्षकों द्वारा पढ़ा पाना भी संभव नहीं लग रहा है। छात्रों को स्कूली शिक्षा की कमी और पर्याप्त पुस्तक अध्ययन न हो पाने के कारण उन्हें वार्षिक परीक्षा में खुली किताब के साथ परीक्षा कक्ष में भाग लेने की अनुमति देनी चाहिए। डा. विजय शकंर मिश्र कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इस तरह के परीक्षाओं को सफलतापूर्वक संपन्न कराया है। उस समय यूपी बोर्ड परीक्षा में चल रहे धुंआधार नकल को रोकने के लिए ओपन बुक सिस्टम अपनाया गया था। आज कोरोनाकाल में पुन: एक बार इस परीक्षा प्रणाली की आवश्यकता की जरूरत महसूस की जा रही है।