बेटियों को दें अच्छी तालीम
पै़गंबरे इस्लाम की पैदाइश की तैयारियों में मुस्लिम समाज जुट गया है। शुक्रवार को ईद - मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाएगा। हुजूर की आमद के लिए लोगों ने घर मस्जिद मदरसों को सजाना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : पै़गंबरे इस्लाम की पैदाइश की तैयारियों में मुस्लिम समाज जुट गया है। शुक्रवार को ईद - मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाएगा। हुजूर की आमद के लिए लोगों ने घर, मस्जिद, मदरसों को सजाना शुरू कर दिया है। इस मौके पर दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा गौसिया मस्तानबाग बारा के प्रिसपल मौलाना कलीमुद्दीन शम्सी ने इस्लाम में बेटियों के हुकूक के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि बेटियों की अच्छी परवरिश जन्नत के रास्ते खोलती है। इस्लाम ने बेटियों को अल्लाह की रहमत करार दिया है। कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी बेटियों की अच्छी परवरिश और उनकी अच्छी तालीम करे और बेटों के मुकाबले में उन्हें कमतर न जाने तो उसके लिए जन्नत है। इस्लाम ही दुनिया का पहला धर्म है जिसने बाप की जायदाद में बेटियों का भी हिस्सा कायम किया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को ईद - मिलादुन्नबी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। घरों, मस्जिदों, मदरसों में कुरआन ख्वानी, फातिहा व मिलाद शरीफ की महफिलें होंगी। अल सुबह मस्जिदों पर परचम कुशाई (इस्लामी झंडा फहराना) होगी। उन्होंने कहा कि रसूल - ए - पाक सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। हम सबका फर्ज है कि उनके पैगाम को लोगों तक पहुंचाए।