शिक्षक ही नहीं तो बालिका शिक्षा को कैसे मिलेगा बढ़ावा

जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) बालिका शिक्षा को लेकर शासन की ओर से बड़े-बड़े

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:32 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:37 PM (IST)
शिक्षक ही नहीं तो बालिका शिक्षा को कैसे मिलेगा बढ़ावा
शिक्षक ही नहीं तो बालिका शिक्षा को कैसे मिलेगा बढ़ावा

जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : बालिका शिक्षा को लेकर शासन की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर वास्तविकता कुछ अलग ही है। नगर स्थित तहसील का एकमात्र राजकीय बालिका इंटर कालेज का हाल ऐसा ही है। कालेज में भवन व बैठने की व्यवस्था तो कुछ हद तक है, लेकिन शिक्षक ही नहीं हैं। यहां पर शिक्षकों की कमी बालिकाओं की शिक्षा को लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की ओर से किए जाने वाले दावे पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। अब अभिभावक अपनी बेटियों को इस कालेज में भेजने से मुंह मोड़ने लगे हैं, जिसके चलते यहां अब नामांकन सिमटकर करीब 225 पर आ गया है। 24 में मात्र तीन शिक्षकों के कार्यरत रहने का असर विद्यालय के शैक्षिक वातावरण पर स्पष्ट दिख रहा है।

नगर स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज में कक्षा एक से 12वीं तक की छात्राओं को पढ़ाने के लिए शासन की ओर से एक प्रधानाचार्य, हिदी, अंग्रेजी, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, कला, इतिहास, संस्कृत के प्रवक्ता व हिदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, कला, गणित, अंग्रेजी, गृहविज्ञान, शारीरिक शिक्षा सहित सहायक शिक्षक के 12 पद व प्राथमिक शिक्षक के पांच पद सृजित किया गया है। वहीं परिचारक के आठ व लिपिक के दो पद सृजित किया गया है। वर्तमान में जहां मात्र विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व उर्दू के सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें एक प्रभारी प्रधानाचार्य का पद संभाले हुए हैं। दो परिचारक व दो लिपिक तैनात हैं। यह विद्यालय पहले छात्राओं से पूरी तरह भरा रहता था, अब वह घटकर मात्र 225 पर आ गया है। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की ओर से इन शिक्षण संस्थानों की ओर ध्यान न देने से यह स्थिति बनी हुई है। मजबूरन वह अपनी बेटियों को निजी विद्यालयों में भेज रहे हैं। प्रभारी प्रधानाचार्य आमिना खातून ने बताया कि इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन किसी तरह का कार्रवाई नजर नहीं आ रहा है।

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