काश! जगे होते पिता तो आज जीवित होते मासूम
जागरण संवाददाता कासिमाबाद (गाजीपुर) कोतवाली क्षेत्र के शाधापुर निवासी चार वर्षीय दोनों मासू
जागरण संवाददाता, कासिमाबाद (गाजीपुर) : कोतवाली क्षेत्र के शाधापुर निवासी चार वर्षीय दोनों मासूम चचेरे भाई आर्यांश व आशार्य की तालाब में डूबकर हुई मौत से ग्रामीणों व स्वजनों एक ही बात बार-बार टीस रही है कि काश पिता जग गए होते तो मासूम बछड़ा पकड़ने के चक्कर में तालाब तक ना जाते और आज आंगन में खेल रहे होते। दोनों मासूम के असमय कालकलवित हो जाने से स्वजनों में जहां कोहराम है वहीं गांव में भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। दोनों का गौसपुर घाट पर सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अवनीश व अमित के पिता श्यानारायण सिंह उर्फ बाला सिंह व अवनीश प्रताप सिंह की पत्नी श्वेता सिंह ग्राम पंचायत नगवा से प्रधान पद की उम्मीदवार हैं। एक परिवार से दो लोगों ने पर्चा इसलिए दाखिल किया था ताकि अगर किसी कारण जांच में एक खारिज भी होगा तो दूसरा रहेगा। रविवार को ब्लाक मुख्यालय पर नामांकन करने के बाद सभी लोग वापस आकर घर पर आराम करने लगे। शाम के लगभग छह बजे घर के पीछे बधा बछड़ा खुल गया। अवनीश के पुत्र आशार्य व अमित के पुत्र आर्यांश ने जब बछड़ा खुला देखा तो वह अवनीश को जगाने का प्रयास किए, लेकिन उनके न जगने पर वह बछड़ा को पकड़ने के लिए उसके पीछे भागने लगे और घर के पीछे कुछ दूर स्थित तालाब के किनारे पहुंच गए। तालाब पानी से लबालब भरा हुआ था, जिसमें पैर फिसलने के कारण दोनों भाइयों की डूबने से मौत हो गई। दोनों भाई तालाब में उतराए मिले तो आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। अवनीश प्रताप सिंह कुशीनगर में अध्यापक, अमित प्रताप सिंह प्रयागराज पुलिस में हैं। दोनों भाइयों के मौत के बाद आशार्य की मां श्वेता सिंह व आर्यांश की मां रागनी सिंह का रो-रो कर बुरा हाल था।