पटाखे की अस्थाई दुकान के लिए आवेदन शुरू

जागरण संवाददाता गाजीपुर दीपावली पर शहर में पटाखा बेचने के लिए अस्थायी तौर पर दुकान लगान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST)
पटाखे की अस्थाई दुकान के लिए आवेदन शुरू
पटाखे की अस्थाई दुकान के लिए आवेदन शुरू

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : दीपावली पर शहर में पटाखा बेचने के लिए अस्थायी तौर पर दुकान लगाने के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। चार लोग आवेदन कर भी चुके हैं। लंका मैदान में दीपावली मेला लगने के कारण इस बार पटाखे की दुकानें आरटीआइ मैदान में लगेंगी।

जिला प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी शुरू भी कर दी गई है। शहर में जो भी पटाखे की दुकान लगाने को इच्छुक है उसे सदर एसडीएम के यहां आफ लाइन आवेदन करना होगा। दिवाली से एक सप्ताह पूर्व तक आवेदन लिया जाएगा। इसके बाद अस्थाई लाइसेंस जारी किया जाएगा।

शासन के नियमों के अनुसार ही इस बार भी पटाखे की दुकानों का प्रबंध किया जाएगा। पिछले वर्ष पटाखा की दुकानें लंका मैदान में लगीं थीं। पिछली कोरोना के कारण मात्र 39 दुकानों को पंजीकृत किया गया था, लेकिन इस बार दुकानों की संख्या बढ़ भी सकती है। कुल कितने दुकानों को लाइसेंस जारी किया जाएगा, इस पर जिला प्रशासन अभी मंथन कर रहा है। आरटीआइ मैदान के क्षमता के अनुसार ही दुकानें पंजीकृत होंगी। एक दुकान से दूसरे दुकान के बीच करीब 50 मीटर की दूरी रहेगी, ताकि कोई हादसा हो तो उससे बचा जा सके। इतना ही नहीं, जिस दिन दुकानें लगेंगी मैदान के सभी द्वार खुले रहेंगे, ताकि कुछ हो तो आसानी से बाहर निकला जा सके।

---

बिना लाइसेंस के पटाखे नहीं बेच सकते लोग

जिला प्रशासन की तरफ से जिसको पंजीकृत कर अस्थाई लाइसेंस दिया जाएगा, वही पटाखा बेच सकेगा। बिना लाइसेंस के कोई पटाखा बेचा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। सुरक्षा की जिम्मेदारी हर बार की तरह कोतवाली पुलिस की होगी। पटाखे की दुकानें जहां लगेंगी, वहां कोतवाली पुलिस के साथ ही पीएसी व फायर ब्रिगेड की टीम भी अपनी गाड़ी के साथ मौजूद रहेगी।

---

अस्थमा व दिल के मरीजों को होती है परेशानी

: पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड गैसों व लेड समेत अन्य रसायनिक तत्वों के सूक्ष्म कणों की वजह से अस्थमा व दिल के मरीजों को काफी परेशानी होती है। विशेषज्ञ डा. नारायण पांडेय बताते हैं कि इसकी मात्रा अधिक होने पर श्वसन नली सिकुड़ने लगती है। इससे इस प्रकार के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे लोगों को पटाखों से निकलने वाली धुआं के संपर्क में नहीं रहना चाहिए। वहीं बच्चों को पटाखें जलाते समय कान व नाक में रुई डाल लेनी चाहिए।

---

बच्चों को रखें दूर

: जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. एसके मिश्रा ने बताया कि बच्चों को पटाखों से दूर रखें। इसके अलावा जहां पर भी लोग पटाखा छुड़ा रहे हैं वहां पर बाल्टी में पानी और एक मग जरूर रखें। अगर पटाखा छ़ुड़ाते समय जल जाते हैं तो जले हिस्सों को पानी में डुबों दें और तब तक डुबोएं रखें जब तक जलन कम न हो जाए। साथ ही बच्चे पटाखा छुड़ाते समय ढीले कपड़े न पहनें जिससे आग पकड़ने का खतरा रहता है। पानी में डूबोने के बाद आराम नहीं मिल रहा है तो तत्काल नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।

----- बरतें यह सावधानी

- खुले मैदान में ही पटाखे जलाएं।

- राकेट हमेशा उपर की ओर ही छोड़ें।

- पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।

- पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें।

- पटाखों में आग दूर से ही लगाएं।

- चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।

- पटाखें जलाते समय जूते पहने।

- जो पटाखा न फूटे उस पर पानी या मिट्टी डाल दें।

- छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें।

- अभिभावक पटाखे जलाते समय बच्चों पर नजर रखें।

- पटाखे जेब में रख कर न घूमें।

----

- इस बार आरटीआइ मैदान में पटाखा की दुकानें लगेंगी। इसके लिए दीपावली से एक सप्ताह पूर्व तक आवेदन लिए जाएंगे। अभी करीब चार आवेदन आए हैं। यहां सुरक्षा के प्रबंधक भी व्यापक तौर किए जाएंगे। पुलिस के जवान सहित पीएसी व फायर ब्रिगेड की टीम मौजूद रहेगी।

- अनिरुद्ध प्रताप सिंह, सदर एसडीएम।

chat bot
आपका साथी