पशु अस्पताल दो माह से बंद
जागरण संवाददाता बारा (गाजीपुर) बिहार सीमा पर स्थित बारा गांव में पशु अस्पताल दो माह से बंद है। इसका मुख्य कारण यहां पर चिकित्सकों की तैनाती न होना है। इसके चलते पशुपालकों को परेशानी हो रही है। प्रचंड गर्मी में पशु तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। लॉकडाउन से पहले बिहार से प्राइवेट चिकित्सक आते थे। इस समय वे भी नहीं आ रहे हैं। इसके चलते अस्पताल बंद है। पशुपालक इलाज के लिए जब अस्पताल पहुंचते हैं तो बंद देख मायूस हो जाते हैं। अस्पताल पर तैनात कर्मी रमाशंकर के एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त होने के बाद किसी की नियुक्ति नहीं हुई। समय से इलाज नहीं होने से पशुओं की मौत भी हो रही है। आए दिन अस्पताल बंद रहने से पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर बिहार प्रांत के चौसा का रुख करना पड़ रहा है। पशुपालकों ने बारा पंचायत स्थित अस्पताल पर कर्मियों के तैनाती की मांग की है।
बारा (गाजीपुर) : बिहार सीमा पर स्थित बारा गांव में पशु अस्पताल दो माह से बंद है। इसका मुख्य कारण यहां पर चिकित्सकों की तैनाती न होना है। इसके चलते पशुपालकों को परेशानी हो रही है। प्रचंड गर्मी में पशु तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। लॉकडाउन से पहले बिहार से प्राइवेट चिकित्सक आते थे। इस समय वे भी नहीं आ रहे हैं। इसके चलते अस्पताल बंद है। पशुपालक इलाज के लिए जब अस्पताल पहुंचते हैं तो बंद देख मायूस हो जाते हैं। अस्पताल पर तैनात कर्मी रमाशंकर के एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त होने के बाद किसी की नियुक्ति नहीं हुई। समय से इलाज नहीं होने से पशुओं की मौत भी हो रही है। आए दिन अस्पताल बंद रहने से पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर बिहार प्रांत के चौसा का रुख करना पड़ रहा है। पशुपालकों ने बारा पंचायत स्थित अस्पताल पर कर्मियों के तैनाती की मांग की है।