गंगा के साथ गोमती और कर्मनाशा भी उफनाई
गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गंगा का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। गंगा के साथ गोमती और कर्मनाशा भी उफना रही हैं। गंगा का जलस्तर मंगलवार को तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। दोपहर दो बजे तक गंगा का जलस्तर 61.100 मीटर रिकार्ड किया गया दर्ज। जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों के लोगों की चिता बढ़ने लगी है। वहीं खतरे का निशान 63.105 मीटर है। उधर, गोमती एवं कर्मनाशा भी उफना रही है। कर्मनाशा का पानी गांव की सड़कों और खेतों में आ गया है।
गंगा उफान मार रही हैं। गंगा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। नगर के सभी गंगा घाट डूबने लगे हैं। कलेक्टरघाट का फर्श डूब चुका है उसकी छह सीढि़यां गंगा के पानी में डूब चुकी है। यही स्थिति नगर के अन्य गंगा घाटों की है। उसकी भी अधिकतर सीढि़यां डूब चुकी हैं। गंगा का पानी अरार में फैल रहा है। वहीं मछुआरों ने अपनी नाव को बांध दिया है। सबसे अधिक दिक्कत कटान पीड़ितों को हो रही है। मुहम्मदाबाद के सेमरा, शिवराय का पूरा और बच्छलपूरा में कटान का खतरा काफी बढ़ चुका है। लोगों को आशंका है कि गंगा का पानी घटने के साथ कटान तेज हो जाएगा।
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नदियों में दिखी तेज लहर, तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ का असर
खानपुर : नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रहे वृद्धि से किनारे बसे गांव बाढ़ व कटान पीड़ितों के दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। इलाके में बढ़ रहे बाढ़ के कारण किसानों की फसल डूब रही है। गंगा नदी के साथ ही उसके सहायक नदियां गोमती और गांगी नदी में भी जलस्तर बढ़ने से नदी नाले और खेतों के रास्ते अब पानी आबादी की तरफ बढ़ने लगा है। वर्तमान में औड़िहार, पटना, शादीभादी, गोपालपुर, कुसही, खरौना में गंगा जलस्तर में बढ़ाव के चलते फसलें बर्बाद हो रही हैं। गंगा की बाढ़ से किनारे के दर्जनभर से अधिक गांव नदी के निशाने पर हैं। यहां खतरा मंडराने लगा है। हाल यह है गंगा का जलस्तर बढ़ने से सहायक नदियों गोमती, गांगी और एकौझी में भी बाढ़ का असर धीरे-धीरे होना शुरू हो गया है। निचले इलाकों व नालों से होकर बाढ़ का पानी किनारे पर उगाई गई सब्जियों एवं फसलों को नुकसान पहुंचाने लगा है। नदियों के तराई क्षेत्र में उगाई गई सब्जी की फसलें जैसे नेनुआ, सरपुतिया, करेला, भिडी, बोड़ा, सीताफल, लौकी, खीरा, चिचड़ा का फसल डूबने से किसानों की चिता बढ़ने लगी है। सुरभानचक, अमेहता, नुरुद्दीनपुर, गौरी, गौरहट, तेतारपुर, बहुरा गांव में हरे चारे, ज्वार बाजरे तथा मक्का की फसलों का नुकसान होने लगा है। नायाब तहसीलदार सैदपुर राहुल सिंह ने बताया कि बाढ़ की विभीषिका के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। फिलहाल बाढ़ का कोई विशेष खतरा नहीं है। जरूरत पड़ने पर इससे निबटने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। बाढ़ पर नजर रखने के लिए कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। कर्मनाशा नदी का पानी सड़क पर, किसानों के माथे पर चिता की लकीरें
जमानियां : चंद्रप्रभा बांध से पानी छोड़े जाने से कर्मनाशा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से दिलदारनगर, करमहरी, बड़ौरा संपर्क मार्ग सहित खेतों में पानी भर जाने से संकट गहरा गया है। किसानों की धान और अरहर की फसल डूब गई है। जल्द खेतों का पानी नहीं निकाला गया तो अन्नदाताओं की खून-पसीने की कमाई बर्बाद हो जाएगी। सोमवार की शाम एसडीएम प्रतिभा मिश्रा व तहसीलदार घनश्याम राजस्व टीम के साथ करमहरी गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और किसानों से वार्ता की।
इससे कर्मनाशा नदी के तटवर्ती गांव के ग्रामीण सहमे हैं। यूपी बिहार को जोड़ने दिलदारनगर. करमहरी मार्ग पर
कर्मनाशा नदी का पानी फैल जाने से आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। केशरूवा गांव और तियरी पर पानी ऊपर से बह रहा है। इसके अलावा कर्मनाशा के धनाढी, ताजपुरकुर्रा, खजूरी, सरैला, चित्रकोनी, सिहानी, देवैथा, केशरुवा, करमहरी, धुस्का, गायघाट, देहुड़ी आदि गांव में पानी घुसने से ग्रामीण पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने लगे हैं। सभी बाढ़ चौकियों को किया गया एक्टिवेट
तहसीलदार घनश्याम ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को एक्टिवेट कर दिया गया है। कर्मनाशा नदी में 17 बाढ़ चौकी व गंगा नदी में 50 बाढ़ चौकी बनाया गया है। सभी को पूरी तरह सतर्क कर दिया गया है।