बाढ़ के बाद बारिश से फसल नष्ट, संकट गहराया
जागरण संवाददाता लौवाडीह (गाजीपुर) बाढ़ के बाद रही सही कसर हाल में बारिश पूरी कर
जागरण संवाददाता, लौवाडीह (गाजीपुर) : बाढ़ के बाद रही सही कसर हाल में बारिश पूरी कर गई। इससे बची हुई फसल भी नष्ट हो गई। किसानों के सामने यह समस्या है कि वे अब पूरे साल का अपना खर्च कहां से चलाएंगे और अगली खेती के लिए पूजी कहां से लाएंगे।
धान की फसल बाढ़ और मंगई नदी के पानी से नष्ट हो गई थी। ऊंचे स्थानों पर जो बची हुई थी वो बरसात की वजह से चौपट हो गई। मिर्च, टमाटर, बैगन, केला, गोभी की खेती भी बर्बाद हो गई है।
करइल की कैश क्राफ्ट मसूर की बोआई अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाती है, लेकिन अभी पानी होने के कारण खेतों को सूखने में दो महीने लग जाएंगे। ऐसे में मसूर, चना, मटर की बोआई नहीं हो पाएगी। किसान पहले से ही हरा मटर का बीज खरीदकर रख लेता है, लेकिन बरसात के कारण खरीदे गए बीज में लगी पूंजी बर्बाद हो जाएगी। ---
बोले किसान
-मसौनी के शिवशंकर राय ने कहा कि बाढ़ ने हमको बर्बाद किया जो कुछ बचा था उसे तूफान ने ले लिया। सियाड़ी के धनंजय राय ने कहा कि किसानों के पास अब कुछ नही बचा है सिवाय कर्ज के। समझ नहीं आ रहा है कि अब केसीसी कैसे भरा जाएगा । परसा के राजेश राय पिटू ने कहा कि इस वर्ष करइल में न तो दलहनी खेती हो पाएगी और न ही आलू की खेती। इस वर्ष रबी की बोआई नहीं हो पाएगी। लौवाडीह के सुरेश ने कहा कि इतना नुकसान होने के बाद भी प्रशासन चैन से बैठा है।