डीएम के निर्देश के एक सप्ताह बाद सचिव पर मुकदमा

जासं, गहमर (गाजीपुर): गोड़सरा गांव में विकास कार्यों में अनियमितता व जांच में सहयोग न कर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 09:16 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 09:16 PM (IST)
डीएम के निर्देश के एक सप्ताह बाद सचिव पर मुकदमा
डीएम के निर्देश के एक सप्ताह बाद सचिव पर मुकदमा

जासं, गहमर (गाजीपुर): गोड़सरा गांव में विकास कार्यों में अनियमितता व जांच में सहयोग न करने के आरोपी सचिव पर अंतत: डीएम के आदेश के एक सप्ताह बाद मुकदमा दर्ज हो ही गया। मजे की बात यह कि मुकदमा दर्ज कराने के मामले में हुए देरी के लिए दोनों जिम्मेदार एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। बहरहाल, ग्राम प्रधान का खाता पहले ही सीज हो चुका है।

शिकायतकर्ता राशिद खां ने बीते 19 मार्च को जिलाधिकारी को शपथ पत्र देकर आरोप लगाया था कि विकास कार्यों में मनमाने ढंग से धनराशि का बंदर बांट हुआ है। लाखों रुपये की अनियमितता बरती गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी व सहायक अभियंता की दो सदस्यी टीम का गठन करके जांच का निर्देश दिया था। जांच के दौरान कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर ग्राम प्रधान व निलंबित ग्राम पंचायत अधिकारी राधेश्याम यादव को सभी अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। आरोप है कि उनके तरफ जांच में न तो कोई सहयोग किया और न ही अभिलेख ही उपलब्ध कराया गया। इस पर डीएम के बालाजी ने डीपीआरओ लालजी दुबे को तत्काल ग्राम प्रधान के खाते पर रोक लगाते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान का निर्देश दिया। बीते 12 सितंबर को विभाग की ओर से खाते पर रोक लगाने के साथ भदौरा विकास खंड के एडीओ पंचायत को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया। न जाने किन परिस्थितियों में निर्देश को ताख पर आदेश के अवहेलना की गई। ये था मामला

- शौचालय निर्माण की प्रमाणित सूची नहीं उपलब्ध कराना।

- दो सदस्यीय जांच टीम के सामने अभिलेख प्रस्तुत नहीं करना।

- स्ट्रीट लाइट लगवाने में भारी अनियमितता।

- 50 लाख रुपये से अधिक धनराशि में गड़बड़ी। एडीओ पंचायत जब मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस द्वारा जिलाधिकारी के आदेश व नोट सीट की मांग की गई थी, ऐसे में देरी हुई। बहरहाल, एडीओ पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

- लालजी दुबे, डीपीआरओ एडीओ पंचायत आख्या के आधार पर मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे और डीएम के आदेश की कापी उपलब्ध कराने में काफी विलंब किया गया। सभी जरूरी कागजात उपलब्ध कराने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।

- बालमुकुंद मिश्रा, थानाध्यक्ष

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