26 केंद्रों पर 12350 परीक्षार्थी देंगे डीएलएड की परीक्षा

गाजीपुर तमाम शिकायतों और आरोपों के बीच डीएलएड परीक्षा में नकल की बिसात बिछ चुकी है। 26 केंद्रों में से 17 स्ववित्तपोषित विद्यालय सारी कहानी कह रहे हैं। जिला प्रशासन डाल-डाल तो नकल माफिया पात-पात की तर्ज पर चल रहे हैं। यह देखने वाली बात होगी कि इस बार स्थिति बदलती है या नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 05:55 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 11:22 PM (IST)
26 केंद्रों पर 12350 परीक्षार्थी देंगे डीएलएड की परीक्षा
26 केंद्रों पर 12350 परीक्षार्थी देंगे डीएलएड की परीक्षा

जासं, गाजीपुर : तमाम शिकायतों और आरोपों के बीच डीएलएड परीक्षा में नकल की बिसात बिछ चुकी है। 26 केंद्रों में से 17 स्ववित्तपोषित विद्यालय सारी कहानी कह रहे हैं। जिला प्रशासन डाल-डाल तो नकल माफिया पात-पात की तर्ज पर चल रहे हैं। यह देखने वाली बात होगी कि इस बार स्थिति बदलती है या नहीं। बहरहाल, जिले के 26 परीक्षा केंद्रों पर 14 से 16 नवंबर तक बीटीसी एवं डीएलएड चतुर्थ सेमेस्टर 2017 की परीक्षा होगी। इसमें 12,350 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। यह परीक्षा सेक्टर, जोनल मजिस्ट्रेट व पर्यवेक्षक की निगरानी में होगी। जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

डीएलएड परीक्षा को कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा के समय केंद्रों पर कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं होगा। कुछ प्राथमिक शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक के अतिरिक्त पर्यवेक्षक भी रहेंगे। तीन परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट रहेंगे, जो जिलास्तरीय अधिकारी हैं। जोनल मजिस्ट्रेट संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी होंगे। परीक्षा के दौरान यह भ्रमणशील रहेंगे। इसके अलावा 26 स्टेटिक मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। परीक्षा से दो घंटा पूर्व कोषागार से निकलेगा प्रश्नपत्र

प्रश्न पत्र को जिला कोषागार में रखा गया है। परीक्षा से दो घंटे पहले यहां से सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में पेपर निकाला जाएगा। यहां सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रश्न पत्र लेकर केंद्रों पर पहुंचेंगे। केंद्रों के निर्धारण में विभाग की हो चुकी है किरकिरी

डीएलएड परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन भले ही बेहतरीन खाका तैयार करने के दावे कर रहा हो, लेकिन सच्चाई इससे इतर है। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में न सिर्फ सवाल उठ चुके हैं, बल्कि इससे विभाग की काफी किरकिरी भी हो चुकी है। मनमाने तरीके से न सिर्फ स्ववित्तपोषित विद्यालयों को केंद्र बनाए गए, बल्कि उसे सही साबित करने के लिए मनमानी व्याख्या की गई। आरोप है कि डीआइओएस कार्यालय द्वारा कई एडेड विद्यालयों से बकायदा लिखवाया गया कि हम केंद्र नहीं चाहते। यह अलग है कि उनके खिलाफ साजिश की बात कहकर डीआइओएस इससे इन्कार कर चुके हैं। पिछली बार कई कालेजों में सामूहिक नकल पकड़ा गया था। बावजूद इसके केंद्रों के निर्धारण में जमकर हीलाहवाली की गई। हालांकि यहां से भेजे गए 29 कालेजों के प्रस्ताव में तीन का नाम सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सूची से नाम काट दिया है। पांच हजार से शुरू होती है बोली

नकल माफिया कम से कम एक छात्र से नकल के एवज में पांच से 10 हजार रुपये तक लेते हैं। न देने वालों की कॉपी तक ले ली जाती है। इतना ही नहीं नकल कराने के लिए अलग कमरा, दूसरी जगह कापी लिखवाने सहित तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं। इस तरह के तमाम मामले इसके पहले आ चुके हैं। इस बार भी इसे लेकर तैयारी पूरी है। ''नकल न हो इसकी पूरी निगरानी होगी। खासकर कुछ केंद्रों को चिह्नित किया गया है। इस बार नकल कराने वाले मंसूबे में सफल नहीं हो पाएंगे।''

-ओमप्रकाश आर्य, जिलाधिकारी।

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