केबीसी में पहुंचे परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र को आज सुनेगा देश

धनंजय वर्मा साहिबाबाद कारगिल युद्ध में 17 गोलियां लगने के बाद भी पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:41 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:41 PM (IST)
केबीसी में पहुंचे परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र को आज सुनेगा देश
केबीसी में पहुंचे परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र को आज सुनेगा देश

धनंजय वर्मा, साहिबाबाद: कारगिल युद्ध में 17 गोलियां लगने के बाद भी पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड फेंककर फतह प्राप्त करने वाले परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव की शौर्यगाथा आज पूरा देश कौन बनेगा करोड़पति (कर्मवीर) में सुनेगा। केबीसी में शुक्रवार का एपिसोड देशभक्ति से सराबोर होगा। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव और परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार ने केबीसी में 25 लाख रुपये भी जीते जो आर्मी वेलफेयर फंड में दिए जाएंगे। मूलरूप से बुलंदशहर के औरंगाबाद निवासी योगेंद्र यादव गाजियाबाद के लाजपत नगर में रहते हैं। वह इस समय बरेली में तैनात हैं।

योगेंद्र यादव ने बताया कि आर्मी अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि उन्हें कौन बनेगा करोड़पति (कर्मवीर) में आमंत्रित किया गया है। उनके साथ परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार भी जाएंगे। तीन जनवरी को केबीसी की टीम योगेंद्र यादव के घर लाजपत नगर पहुंची। यहां पर उनकी पत्नी रीना यादव व परिवार के अन्य सदस्यों से बात की। आठ जनवरी को योगेंद्र यादव व संजय कुमार केबीसी में पहुंचे। जहां उन्होंने आर्मी वेलफेयर फंड के लिए 25 लाख रुपये जीते। उन्होंने 13 प्रश्नों के सही उत्तर दिए हैं।

शौर्यगाथा सुनकर भाव विभोर हुए अमिताभ बच्चन व दर्शक:

केबीसी में योगेंद्र यादव ने बताया कि कारगिल युद्ध में 16500 फुट ऊंची टाइगर हिल 30 डिग्री तापमान में बर्फ से ढकी थी। योगेंद्र यादव 20 जवानों के साथ तीसरी रात की सुबह टाइगर हिल की चोटी के पास पहुंचे थे तभी पाकिस्तानी सेना ने देख लिया और गोलियों की बौछार कर दी। भारतीय जवानों ने अदम्य साहस दिखाया और कुल सात जवान हिल पर पहुंचे, अन्य जवान शहीद हो गए। फिर छह और जवान घायल हो गए। योगेंद्र अपने साथी को चिकित्सीय सेवा दे रहे थे कि इसी दौरान दुश्मन की गोली उनके दोस्त के भेजे को पार करती हुई निकल गई। तभी योगेंद्र को भी कई गोलियां लगीं। वह जख्मी होकर गिर पड़े। दुश्मनों ने उनके सीने पर गोली चलाई तो ऊपर की जेब में रखे पांच रुपये के सिक्के ने उनकी जान बचा ली। शरीर में 17 गोलियां लगीं जिससे योगेंद्र बेहोश हो रहे थे तभी एक पाकिस्तानी सैनिक का पैर उनके शरीर से टकराया। उनके पास एक ग्रेनेड रह गया था। उन्होंने हथियार लूटकर जा रहे पाकिस्तानी दुश्मनों पर ग्रेनेड फेक दिया। इसमें कई दुश्मनों की मौत हो गई जो बचे वह जान बचाकर भागे। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना पर हमला कर टाइगर हिल पर फतह हासिल की। योगेंद्र करीब 16 महीने तक अस्पताल में रहे। उन्हें 19 साल की उम्र में वर्ष 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने परमवीर चक्र से अलंकृत किया। अब तक देश में 21 जांबाजों को परमवीर चक्र मिला है। इनमें से योगेंद्र सिंह यादव सूबेदार मेजर और संजय कुमार सूबेदार के तौर पर सेना में सेवा दे रहे हैं।

हिदुस्तान की मिट्टी में है वीरता: केबीसी में अमिताभ बच्चन ने योगेंद्र यादव से पूछा कि इतना जुनून कैसे पदा होता है। इस पर योगेंद्र न जवाब दिया कि हिदुस्तान की मिट्टी में वीरता और जुनून है।

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