खाड़ी देशों में भेजी जा रही सात नेपाली लड़कियां इंदिरापुरम के फ्लैट से बरामद

इंदिरापुरम थाना इलाके से सोमवार को 2

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 08:47 PM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 08:47 PM (IST)
खाड़ी देशों में भेजी जा रही सात नेपाली लड़कियां इंदिरापुरम के फ्लैट से बरामद
खाड़ी देशों में भेजी जा रही सात नेपाली लड़कियां इंदिरापुरम के फ्लैट से बरामद

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : खाड़ी देशों में देह व्यापार के लिए लाई गई तीस नेपाली लड़कियों की सोमवार को बरामदगी के बाद इंदिरापुरम पुलिस ने ज्ञान खंड-तीन स्थित एक फ्लैट से मंगलवार को सात नेपाली लड़कियों समेत दो युवकों को बरामद किया है।

सोमवार को गिरफ्तार आरोपित रोमियो जोशी के फ्लैट से सभी को पुलिस ने पकड़ा है। पूछताछ में पता चला है कि लड़के-लड़कियां नेपाल से खाड़ी के देशों में भेजे जाते थे और यह नेटवर्क नेपाल से सऊदी के बीच वाया भारत चलाया जाता था। आरोपित युवतियों को ब्यूटी पार्लर में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर नेपाल से भारत लाते थे और फिर टूरिस्ट वीजा पर गल्फ देशों में देह व्यापार और बंधुआ मजदूरी के लिए सप्लाई करते थे।

बता दें कि सोमवार को न्याय खंड-दो स्थित सृजन विहार सोसायटी के दो फ्लैटों से 30 युवतियों को इंदिरापुरम पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस ने मामले में नेपाल निवासी केदारनाथ और रोमियो जोशी समेत पांच लोग गिरफ्तार किया था। रोमियो ज्ञानखंड-तीन स्थित एक मकान की तीसरी मंजिल के एक फ्लैट में किराए पर रहता था। आरोपित केदारनाथ ने सात युवतियों और दो युवकों को रोमियो के फ्लैट में रखा था। लोगों ने दी पुलिस को सूचना

स्थानीय लोगों ने मंगलवार दोपहर एसएचओ इंदिरापुरम को सूचना दी की ज्ञानखंड-तीन स्थित एक मकान के फ्लैट में भी नेपाल मूल की कई लड़कियों को रखा गया है। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर सात लड़कियों और दो युवकों को फ्लैट से बरामद किया।

हर लड़की के लिए रोज मिलते थे एक हजार रुपये

एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि काठमांडू के जोरापाटी निवासी केदारनाथ, नेपाल के छापा के वीरतांबर निवासी रोमियो जोशी और ज्ञानखंड निवासी ज्ञानेंद्र गिरि को गिरफ्तार किया है। दो अन्य की पहचान भी नेपाल के निवासियों के रूप में हुई है, लेकिन पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है। एसएसपी के मुताबिक बरामद लड़कियों में से एक इन्हीं की लड़की थी और दूसरा व्यक्ति उसे खोजने के लिए पिता के साथ आया था। पुलिस की जानकारी के अनुसार दुबई में बैठा अनिल नेपाली सबसे बड़ा तस्कर है। नेपाल से तस्कर गणेश इन लड़कियों को भारत भेजता है। केदारनाथ के जिम्मे लड़कियों को भारत में रखना और डिमांड होने पर वीजा बनवाकर विदेश भिजवाना होता था। हर लड़की पर एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से उसे मिलते थे। पूर्व में दिल्ली के वसंत कुंज में भी इसने लड़कियों को इसी तरह बंधक बनाकर रखा था। पुलिस के मुताबिक लड़कियां बंद फ्लैट में रहती थीं और उन्हें तीन-चार दिनों का खाना एक बार में दिया जाता था। वीडियो कॉल कर होता था चयन

एसएसपी ने बताया कि तलाशी में पुलिस को 17 पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें से कुछ पर लेबनान, कुवैत, सऊदी अरब और ईराक के वीजा लगे हुए हैं। एक लैपटॉप भी मिला है, जिसमें लड़कियों को विदेश भेजने संबंधी जानकारी है। सोमवार रात एक महिला को सऊदी अरब जाना था। कुछ लड़कियों से पुलिस को स्मार्टफोन भी मिले हैं, जिनमें वीडियो कॉ¨लग का एप है। पुलिस के मुताबिक दुबई में बैठा अनिल ग्राहक और लड़की की वीडियो कॉल से बात कराता था। कई लड़कियों का चयन वीडियो कॉ¨लग से हुआ था। 6-7 लड़कियां ऐसी भी हैं जोकि पूर्व में भी इसी तरह विदेश गई थीं और अभी भी वे पुराने क्लाइंट के संपर्क में हैं। मंगलवार को बरामद एक युवक पहले दुबई के होटल में काम कर चुका है। इस बार उसे पुर्तगाल के वीजा पर होटल में वेटर की नौकरी के लिए भेजने का झांसा दिया गया था। नौकरी के बहाने जिस्मफरोशी में धकेलते थे

मानव तस्करी का यह धंधा इंदिरापुरम की सोसायटी से बीते चार माह से चल रहा था। इस बारे में पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पता तब चला जब इस कैद से मुक्त होकर दो लड़कियां भागीं। ये पहले दिल्ली पहुंची और फिर कुछ लोगों की मदद लेकर सोमवार को पुलिस को सूचना दी। इन्होंने पूछताछ में बताया कि हमें ब्यूटी पार्लर या किसी कंपनी में नौकरी के बहाने नेपाल से लाया जाता था। दोनों लड़कियों को कुवैत में नौकरी का झांसा दिया गया था। यहां लाकर तस्कर उन्हें देह व्यापार के लिए उकसाते थे। ज्यादा कमाई और एक ही बार में अमीर होने का प्रलोभन दिया जाता था। एसएसपी ने तस्करी के इस गिरोह का पर्दाफाश करने और इतनी बड़ी संख्या में लड़कियों को मुक्त कराने के लिए चौकी प्रभारी अभयखंड प्रहृलाद ¨सह, इंदिरापुरम थाना प्रभारी नजीर अली, एएसपी रवि कुमार और एसपी सिटी श्लोक कुमार को डीजीपी का प्रशंसा चिह्न दिए जाने की संस्तुति की है।

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