उखलारसी हादसा: अधिकारियों ने की वादाखिलाफी, नौकरी के लिए भटक रहे पीड़ित

जासं गाजियाबाद तीन जनवरी 2021 को मुरादनगर के उखलारसी में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई। अब तक आश्वासन के बावजूद मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी नहीं दी गई है। अधिकारियों की वादाखिलाफी से पीड़ित परिवार के लोग परेशान हैं। उन्होंने जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिकायत करने और नौकरी दिलाने की मांग करने की तैयारी की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 09:58 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 09:58 PM (IST)
उखलारसी हादसा: अधिकारियों ने की वादाखिलाफी, नौकरी के लिए भटक रहे पीड़ित
उखलारसी हादसा: अधिकारियों ने की वादाखिलाफी, नौकरी के लिए भटक रहे पीड़ित

जासं, गाजियाबाद: तीन जनवरी 2021 को मुरादनगर के उखलारसी में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई। अब तक आश्वासन के बावजूद मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी नहीं दी गई है। अधिकारियों की वादाखिलाफी से पीड़ित परिवार के लोग परेशान हैं। उन्होंने जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिकायत करने और नौकरी दिलाने की मांग करने की तैयारी की है।

हादसे में अपने पति को खोने वाली मनीषा का का कहना है कि हादसे के बाद अधिकारियों ने नौकरी देने का आश्वासन दिया था। इस संबंध में आइजी मेरठ ने कागज पर लिखा था कि मृतक व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार नौकरी दी जाएगी, तो लगा कि सरकारी नौकरी मिलेगी। बाद में अधिकारियों ने सरकारी नौकरी देने से इन्कार कर दिया और संविदा पर नौकरी देने के लिए कहा। सरकारी नौकरी पर बात नहीं बनी तो संविदा पर नौकरी करने के लिए भी तैयार हो गए, लेकिन अब ठेके पर नौकरी देने की बात कही जा रही है, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है। वर्जन..

नौकरी के लिए हम दर-दर भटक रहे हैं। तहसील मोदीनगर से लेकर जिला प्रशासन और मंडलायुक्त मेरठ से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिली है। अधिकारी सिर्फ चक्कर कटवा रहे हैं, नौकरी नहीं दे रहे हैं।

- निधि सोनी, हादसा पीड़ित बयान

जिनका अब तक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिला था, उनको लाभ दिलवाया गया है। हादसा पीड़ित एक परिवार को मुआवजे की धनराशि नहीं मिली थी, जो दिलवाई जा रही है। नौकरी के लिए मोदीनगर व मुरादनगर नगरपालिका ने आउटसोर्सिंग पर नौकरी देने का प्रस्ताव पास किया है। सरकारी या संविदा पर नौकरी देने का प्रविधान नहीं है।

- राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

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