मेट्रो कॉरिडोर के अंशदान को लेकर गेंद कैबिनेट के पाले में

मेट्रो कॉरिडोर के लिए दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक नगर निगम के अंशदान को लेकर लखनऊ में मुख्य सचिव ने जीडीए व नगर निगम अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें दोनों ओर से डीएमआरसी को चुकाने वाले अंशदान को लेकर अपना पक्ष रखा गया। बैठक में जीडीए को इस मामले में दोबारा प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा गया, जिसके बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में जाने बाद गेंद पाले में चली गई है। मेट्रो कॉरिडोर निर्माण में करीब 1

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 12:51 AM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 12:51 AM (IST)
मेट्रो कॉरिडोर के अंशदान को लेकर गेंद कैबिनेट के पाले में
मेट्रो कॉरिडोर के अंशदान को लेकर गेंद कैबिनेट के पाले में

जासं, गाजियाबाद : मेट्रो कॉरिडोर के लिए दिलशाद गार्डन से नए बस अड्डा तक नगर निगम के अंशदान को लेकर मुख्य सचिव ने जीडीए व नगर निगम अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जीडीए को इस मामले में दोबारा प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा गया। इस प्रस्ताव के बाद गेंद कैबिनेट के पाले में चली गई है।

मेट्रो कॉरिडोर निर्माण में करीब 1800 करोड़ रुपए की लागत आई है। जीडीए, यूपीएसआइडीसी और आवास विकास परिषद अपने हिस्से का 1029 करोड़ रुपये अंशदान दे चुके हैं। नगर निगम को करीब 200 करोड़ रुपये देने हैं। निगम ने शासन से गुहार लगाई थी कि उसके हिस्से का अनुदान जीडीए से दिलवाया जाए। जीडीए ने तर्क दिया कि वह निगम के हिस्से का अंशदान अदा नहीं कर सकते। नगर निगम सरकारी जमीनों का केयरटेकर होता है। जमीन पर मालिकाना हक शासन का है। पुन‌र्ग्रहण की स्थिति में उनकी कीमत राजस्व विभाग को अदा की जा सकती है। बिना शासनादेश के राजस्व विभाग का पैसा निगम के अंशदान के रूप में अदा नहीं किया जा सकता। इस मामले में दोनों का पक्ष सुनते हुए मुख्य सचिव ने जीडीए से इस मामले में दोबारा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को पत्र भेजा है। इसमें डीपीआर का जल्द स्वीकृति कराने को कहा गया है। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद केंद्र से 375 करोड़ रुपया मिलेगा।

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