पीएनबी की दो शाखाओं ने किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा

जागरण संवाददाता गाजियाबाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की दो शाखाओं में करोड़ों रुपये के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:37 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:37 PM (IST)
पीएनबी की दो शाखाओं ने किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा
पीएनबी की दो शाखाओं ने किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की दो शाखाओं में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है। बैंक प्रबंधन ने दूसरे व्यक्ति की संपत्ति पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का ऋण जारी कर दिया। कलक्ट्रेट में लगे ब्लैक बॉक्स में शिकायत आने के बाद जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।

इस संबंध में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने प्रकरण में पीएनबी की दोनों शाखाओं के दोषी तत्कालीन शाखा प्रबंधक, लोन प्रबंधक व अन्य संबंधित बैंककर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने सभी बैंकों को एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा है कि ताकि इस प्रकार के प्रकरणों पर अंकुश लग सके। इसके साथ ही डीएम ने इन प्रकरणों में जांच टीम गठित करने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होंने शासन से भारतीय रिजर्व बैंक को अन्य बैंकों के अधिकारियों को भी पत्र का संज्ञान लेकर कार्रवाई के लिए निर्देशित करने का अनुरोध किया है। पहला प्रकरण

गोविदपुरम निवासी सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक लल्लू सिंह मौर्य ने पंजाब नेशनल बैंक की लोहा मंडी शाखा प्रबंधक पर मिलीभगत से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जांच में पाया गया कि बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक व लोन मैनेजर ने मिलीभगत कर एक फर्जी खाता खोलकर भवन संख्या-36ए नेहरूनगर को क्रय करने के लिए 1.50 करोड़ रुपये खाते में ट्रांसफर कर दी। दूसरा प्रकरण

कविनगर निवासी सुखपाल सिंह ने रामप्रस्थ स्थित चंद्रनगर की पीएनबी के शाखा प्रबंधक व लोन मैनेजर पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जांच में पाया गया कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक व लोन मैनेजर ने तुराबनगर निवासी लक्ष्य तंवर से साज कर सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेज के आधार पर चार करोड़ रुपये का ऋण जारी कर दिया। इससे बैंक को करोड़ों रुपये की हानि हुई है। तीसरा प्रकरण

आर्यनगर निवासी धर्मेंद्र सिंह गौतम ने पंजाब नेशनल बैंक शाखा चंद्रनगर रामप्रस्थ के शाखा प्रबंधक व लोन मैनेजर के खिलाफ फर्जी, कूटरचित तरीके से कागजात तैयार कर 35 लाख रुपये का लोन स्वीकृत कर धोखाधड़ी की शिकायत थी। जांच में शिकायत सही पाई गई। बैंक के तत्कालीन प्रबंधक व लोन मैनेजर ने कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर 35 लाख का लोन स्वीकृत कर सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाई। ब्लैक बॉक्स में आई शिकायतों की जांच कराई गई तो पंजाब नेशनल बैंक की दो शाखाओं का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। इस संबंध में बैंक के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है।

अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी

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