50 लाख से अधिक की ठगी करने वाले दो गिरफ्तार
रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर शिक्षित युवाओं के साथ ठगी करने वाले दो आरोपितों को लोनी कोतवाली पुलिस ने मंगलवार सुबह पुश्ता तिराहा के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपित अपने फरार साथी के साथ मिलकर बेरोजगारों से तीन से दस लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति प्रमाण-पत्र देते थे।
संवाद सहयोगी, लोनी : रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर शिक्षित युवाओं के साथ ठगी करने वाले दो आरोपितों को लोनी कोतवाली पुलिस ने मंगलवार सुबह पुश्ता तिराहा के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपित अपने फरार साथी के साथ मिलकर बेरोजगारों से तीन से दस लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति प्रमाण-पत्र देते थे। इनके कब्जे से तीन फर्जी नियुक्ति प्रमाण-पत्र, दो आई कार्ड, भारतीय रेलवे की मुहर, दो फर्जी नियुक्ति पत्र, दो मोबाइल बरामद हुए हैं। पुलिस आरोपितों को जेल भेजकर इनके फरार मास्टरमाइंड साथी की तलाश में जुटी है।
एसपी देहात डा. ईरज राजा ने बताया कि तीन दिन पूर्व खन्ना नगर के अभिषेक ने पुलिस को शिकायत दी थी कि कुछ लोगों ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे करीब आठ लाख रुपये ठग लिए। आरोपितों ने पीड़ित से पैसे लेने के बाद आइआरसीटीसी में बतौर टिकट कलेक्टर का आइडी कार्ड और नियुक्ति प्रमाण-पत्र सौंपकर नौकरी ज्वाइन करने के लिए नई दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन भेजा था। रेलवे स्टेशन पहुंचने पर उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चला। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पीड़ित की मदद से आरोपितों को विश्वास में लेकर लोनी बुलाया। आरोपितों के लोनी आने पर एसओजी और पुलिस टीम ने दोनों को लोनी खजूरी पुश्ता तिराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने अपने नाम अनुज कुमार द्विवेदी, कुंडा प्रतापगढ़, हाल पता निर्माण विहार, दिल्ली और संजय कुमार बांसगांव आनपुर, नवाबगंज, प्रयागराज, हाल पता लक्ष्मी नगर, दिल्ली बताए। इन्होंने अपने फरार साथी का नाम सिलिकान सिटी, नोएडा का प्रिस उर्फ शिवेंद्र त्रिपाठी बताया।
बीएसएसी के बाद नौकरी नहीं लगी तो करने लगा ठगी: एसपी देहात बताया कि फरार साथी प्रिस गिरोह का मास्टमाइंड है और अनुज का रिश्तेदार है। वह बीएससी पास है। बीएसएसी के बाद नौकरी नहीं लगी तो उसने दूसरे बेरोजगारों को ठगने की योजना तैयार की। वह नौजवानों को अलग-अलग विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करता है। आरोपित अनुज कुमार के खाते में पांच लाख रुपये से अधिक की रकम मिली है, जिसपर खाते को सीज कराया गया है। पुलिस गिरफ्तार आरोपितों को जेल भेजकर फरार मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है। आरोपितों के पकड़े जाने पर ठगी का शिकार हुए लोग पुलिस से संपर्क कर रहे हैं।
घर पर ही निकाल देते थे नियुक्ति-पत्र के प्रिट: आरोपित अनुज ने बताया कि उनका काम ऐसे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को तलाश करना है, जो रेलवे अथवा अन्य सरकारी विभाग में नौकरी करना चाहते हैं। युवाओं से पैसे मिलने के बाद साथी प्रिस उर्फ शिवम घर पर कंप्यूटर और प्रिटर की सहायता से एकदम असली दिखने वाला फर्जी नियुक्ति-पत्र और आईडी कार्ड और अन्य कागजात तैयार करता था, जिसके बाद कागजात पर मोहर लगाकर युवा को नौकरी ज्वाइन करने के लिए रेलवे स्टेशन पर भेज दिया जाता था। जहां उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चलता था। आरोपित ठगी के बाद अपना नंबर बदल लेते थे।