छोटो-छोट लक्ष्य बनाकर, सफल होने का करें प्रयास : विवेक शुक्ला

जागरण संवाददाता गाजियाबाद दैनिक जागरण की ओर से इस साल सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड में श्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 10:22 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 06:02 AM (IST)
छोटो-छोट लक्ष्य बनाकर, सफल होने का करें प्रयास : विवेक शुक्ला
छोटो-छोट लक्ष्य बनाकर, सफल होने का करें प्रयास : विवेक शुक्ला

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दैनिक जागरण की ओर से इस साल सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड में शीर्ष पर रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। जागरण वेबिनार में जहां मेधावी छात्र-छात्राओं ने अपनी सफलता की रणनीति ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साझा की तो वहीं परामर्शदाता ने उनके सवालों के जबाव देते हुए भविष्य की योजना के लिए मार्गदर्शन किया। वेबिनार का उद्देश्य इस साल 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाने में मदद करना रहा। साथ ही इस साल अच्छे अंक प्राप्त कर चुके छात्र-छात्राओं की करियर संबंधी उलझन का समाधान कराना रहा। परामर्शदाता विवेक ने सभी के सवालों के बेहतर तरीके से जबाव देते हुए मार्गदर्शन किया।

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इन स्कूल के बच्चों ने लिया भाग

गुरुकुल द स्कूल, ईस्ट दिल्ली पब्लिक स्कूल, गाजियाबाद पब्लिक स्कूल, डीपीएसजी पब्लिक स्कूल, गौतम पब्लिक स्कूल, चौधरी छबीलदास पब्लिक स्कूल, रेनबो पब्लिक स्कूल, चिल्ड्रेन एकेडमी और सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के छात्र-छात्राओं ने जागरण वेबिनार में भाग लिया।

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गाइड से पढ़ने के बजाय एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की। किताब लेकर न बैठे रहने से जब पढ़ने का खूब मन की जब पढ़ाई की।

प्रश्न : इतिहास मेरा पसंदीदा विषय है। इसमें आगे क्या स्कोप है?

- सौम्या गोयल

उत्तर : इतिहास से पढ़ाई करने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं, टीचिग को सभी विषयों के लिए एक विकल्प है ही। इतिहास से पीएचडी करके टीचिग में जा सकते हैं या फिर पूरी तरह से रिसर्च में जा सकती है।

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बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए शुरुआत से ही लगातार तैयारी करनी होगी। शुरूआत से ही पढ़ाई करने से सिलेबस का बोझ तो कम होता ही है रिविजन का भी समय मिलता है। बिना टेंशन के पढ़ाई करने से ही बेहतर समझ पाते हैं।

- यश गोयल

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स्कूल में सभी शिक्षकों की पढ़ाई में बड़ी मदद मिली। कभी भी कोई सवाल हो तो शिक्षकों ने हमेशा उसे अच्छी तरह समझाया। घर में अभिभावकों की काफी मदद मिली। इसके अलावा एनसीईआरटी की किताबों से नोट्स बनाकर तैयारी की।

- ईशा अग्रवाल

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शिक्षकों का बोर्ड परीक्षा की तैयारी में बड़ा योगदान रहा। इसके अलावा गाइड से तैयारी न करके एनसीईआरटी की किताबों से ही नोट्स बनाकर तैयारी की।

सवाल : वैसे तो ज्यादातर सिविल सर्विस की तैयारी करने के उद्देश्य से ही मानविकी लेते हैं, लेकिन इसमें और क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं?

- नंदिनी वशिष्ठ

उत्तर : 12वीं में मानविकी चाहें जो सोचकर ली हो, लेकिन जब ग्रेजुएशन करते हैं तो तीन साल में खुद ही कितने विकल्प मिलने लगते हैं। मानविकी से सिविल सर्विस की तैयारी तो कर ही सकते हैं। इसके अलावा टीचिग का विकल्प है। विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। रिसर्च पर जा सकते हैं। बढ़ते-बढ़ते कितने ही ऑप्शन मिलने लगते हैं।

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शिक्षक के मार्गदर्शन और माता-पिता के सपोर्ट से अच्छे अंक प्राप्त हो सके। इसके अलावा एनसीईआरटी की किताबों से शुरुआत से ही लगातार पढ़ाई की।

- डॉली कश्यप

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परीक्षा के दौरान अभिभावकों का पूरा मार्गदर्शन और समर्थन मिला। तैयारी से संबंधित ज्यादातर सभी बिदुओं के बारे में साथियों ने बता ही दिया है।

- चेतना रावत

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पापा कहते हैं कि सफलता के लिए सबसे जरूरी है अपने में विश्वास करना। लगन और मेहनत के साथ अपने में विश्वास हो तो सफलता मिल ही जाती है।

- उदिता तलवार

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परीक्षा की तैयारी के लिए अंतिम तीन माह का समय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। क्योकि ज्यादातर इन तीन माह का याद किया हुआ ज्यादा याद रहता है।

- हर्ष पुंडीर

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एनसीईआरटी की किताबों से नोट्स बनाकर साल के शुरुआत से ही तैयारी करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

अनीषीका निगम

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पढ़ाई के दौरान अंकों से ज्यादा मायने ये रखता है कि हमने टॉपिक को कितना सीखा और समझा। सीखने में अंकों से ज्यादा ध्यान दें। ये मेरे पापा ने मुझे बताया।

- रोशनी यादव

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कई बार सिर्फ हमारी मेहनत से ही सफलता हासिल नहीं होती। उसमें जब भी हमारा विश्वास डगमगाता है। परिवार वाले, रिश्तेदार, शिक्षक और दोस्त जो हमें समझाते हैं हौसला बढ़ाते हैं और विश्वास टूटने से बचाते हैं उनका भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

उर्वशी शर्मा

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मेरा बस यह कहना है कि गाइड से तैयारी करने से ज्यादा बेहतर एनसीईआरटी की किताबों से नोट्स बनाकर तैयारी करना है। तैयारी में टाइम वेल्यू मायने नहीं रखती पढ़ाई कितनी की यह मायने रखता है।

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- साक्षी

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तैयारी को लेकर स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। हमेशा फ्री माइंड होकर अच्छे से पढ़ना चाहिए। सैंपल पेपर से प्रैक्टिस करना काफी अच्छी रहता है। इससे पहले से अनुमान लग जाता है कितनी और कैसी तैयारी चल रही है।

- अक्षित जैन

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पिछले याद किए हुए को भूल जाना इंसान के नेचर में शामिल है। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हे हासिल करने का प्रयास करो। प्रतियोगी परीक्षाओं या फिर किसी भी परीक्षा के लिए अपने हाथ से बने नोट्स काफी फायदेमंद होते हैं, क्योकि उन नोट्स को उस तरह से बनाते हैं जिस तरह से हम उन्हें अच्छे से समझ सकते हैं या याद कर सकते हैं। 10वीं और 12वीं की परीक्षा में भी सिलेबस के आधार पर हर रो

एक्चुएटर विवेक, करियर काउंसलर, मोटिवेशनल स्पीकर

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