ओटीएस में आवेदन करने का आज आखिरी दिन

जीडीए में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के तहत आवेदन करने के लिए शुक्रवार को आखिरी दिन है। बकायेदार बकाया राशि पर लगा दंड ब्याज माफ कराने के लिए आवासबंधु की वेबसाइट पर जाकर ओटीएस का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 09:04 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 09:04 PM (IST)
ओटीएस में आवेदन करने का आज आखिरी दिन
ओटीएस में आवेदन करने का आज आखिरी दिन

- तीन माह तक लागू योजना में 8294 बकायेदारों में से महज 157 ने किया आवेदन

- लॉकडाउन होने के कारण कम बकायेदारों ने किया आवेदन

-------

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के तहत आवेदन करने के लिए शुक्रवार को आखिरी दिन है। बकायेदार बकाया राशि पर लगा दंड ब्याज माफ कराने के लिए आवासबंधु की वेबसाइट पर जाकर ओटीएस का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

शासन की तरफ से ओटीएस लांच की गई थी। छह मार्च से पांच जून तक ओटीएस में आवेदन करने का वक्त दिया गया था। आवेदन ऑनलाइन करना था। जीडीए ने 8294 बकायेदारों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने को प्रत्येक को पत्र भेज कर सूचना दी थी। कॉलोनियों में कैंप लगवाए थे। मुनादी भी कराई गई थी। इन बकायेदारों से जीडीए को 465 करोड़ 79 लाख 2935 रुपये बकाया राशि मिलने की उम्मीद थी। ओटीएस को शुरू हुए कुछ ही दिन हुए थे कि कोरोना संक्रमण के पैर पसारने के चलते लॉकडाउन हो गया। ऐसे में कम लोग ही आवेदन कर पाए। बृहस्पतिवार तक छह करोड़ बकाया राशि के 157 बकायेदारों ने आवेदन किए हैं। शुक्रवार को ओटीएस के तहत आवेदन करने का आखिरी दिन है।

------

75 में से पांच बड़े बकायेदार आए आगे

बकायेदारों की फहरिस्त में 75 बड़े बकायेदार हैं। 80 फीसद बकाया इन्हीं बड़े बकायेदारों पर है। इनमें से महज पांच ने ही ओटीएस में आवेदन किया है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने जीडीए से कॉमर्शियल और हाउसिग प्रोजेक्ट के लिए जमीनें खरीदी थीं। लेकिन पूरा भुगतान नहीं किया। अब दंड ब्याज जुड़ने से इनकी बकाया राशि बहुत ज्यादा हो गई है। ओटीएस के तहत इन्हें मूल बकाया राशि का भुगतान करने का मौका दिया गया है।

----

पांच जून के बाद ओटीएस के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। जो बकायेदार आवेदन करना चाहते हैं, आवासबंधु की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में आवेदन के लिए समय विस्तार देने के संबंध में शासन को प्रस्ताव गया है, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

- सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए

chat bot
आपका साथी