ऋण पत्रों के नाम पर तीन कंपनियों ने की करोड़ों की धोखाधड़ी, 20 आरोपितों पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता गाजियाबाद विजयनगर थाना क्षेत्र के डूंडाहेड़ा गांव में एक कंपनी द्वारा विकसित की जा रही परियोजना में ऋण पत्रों को कंपनी के बिना अनुमति के ट्रांसफर किए जाने के नाम पर तीन कंपनियों ने करोड़ों की ठगी की है। इस संबंध में एसएसपी के आदेश पर विजयनगर पुलिस ने वादी की तहरीर पर आरोपित कंपनी के 20 आरोपित अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वादी के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 09:30 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:30 PM (IST)
ऋण पत्रों के नाम पर तीन कंपनियों ने की करोड़ों की धोखाधड़ी, 20 आरोपितों पर केस दर्ज
ऋण पत्रों के नाम पर तीन कंपनियों ने की करोड़ों की धोखाधड़ी, 20 आरोपितों पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : विजयनगर थाना क्षेत्र के डूंडाहेड़ा गांव में एक कंपनी द्वारा विकसित की जा रही परियोजना में ऋण पत्रों को कंपनी के बिना अनुमति के ट्रांसफर किए जाने के नाम पर तीन कंपनियों ने करोड़ों की ठगी की है। इस संबंध में एसएसपी के आदेश पर विजयनगर पुलिस ने वादी की तहरीर पर आरोपित कंपनी के 20 आरोपित अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वादी के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

विजयनगर थाना प्रभारी योगेंद्र मलिक ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली के जहांगीरपुरी निवासी वादी प्रताप मेहता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में आरोपित पश्चिम बंगाल निवासी कंपनी के अधिकारी गणेश बागरी, रोहित डागा, श्रीनिवासीचारी राजगोपाल, श्यामलेंदु चटर्जी, संदीप कुमार लखेटिया, हेमंत कन्नोजिया, तमालीसेन गुप्ता, आरके अग्रवाल, संदीप कुमार सुलतानिया, मगल मुखेरी, पुनीता कुमार सिन्हा, राकेश कुमार भुटोनिया, दीप्ति जैन, राएंद्र कश्यप, गोपाल कृृष्णन, दुबाराता सरका, शिखा अंकुर, जोनाटन माइकल, प्रकाश सिरोहिया और अमिताश सिरोहिया के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

वादी का कहना है कि उनकी कंपनी शिकायतकर्ता कंपनी अंसल अर्बन कंडोमेनियनम प्राइवेट लिमिटेड की सहयोगी कंपनी है और 50 फीसद की शेयरधारक है। उनकी कंपनी का परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये की क्रेडिट फैसिलिटी के रूप में हस्ताक्षरित हुआ था। इसके बाद डेढ़ करोड़ रुपये का अस्थांतरित ऋण पत्र तैयार किए गए। आरोप है कि कंपनियों ने सभी ऋणपत्र उनकी अनुमति के बिना छोटी कंपनियों को स्थानांतरित कर दिए। इससे उनकी कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ। कंपनियों से संपर्क किया गया तो उनसे बात नहीं हो सकी। आरोप है कि आरोपितों ने उन्हें धमकी भी दी। थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

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