21 दिनों में तीस हजार बच्चों का हुआ टीकाकरण
जिले में 21 दिन में करीब तीस हजार बच्चों का टीकाकरण किया गया है। लॉकडाउन के चलते बाधित प्रोग्राम में तेजी आ गई। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नौ मई से टीकाकरण कार्यक्रम पुन संचालित किए जाने के बाद से अब तक शून्य से दो वर्ष तक के कुल 29600 बच्चों और
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले में 21 दिन में करीब तीस हजार बच्चों का टीकाकरण किया गया है। लॉकडाउन के चलते बाधित प्रोग्राम में तेजी आ गई। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नौ मई से टीकाकरण कार्यक्रम पुन: संचालित किए जाने के बाद से अब तक शून्य से दो वर्ष तक के कुल 29,600 बच्चों और 8,862 गर्भवती का टीकाकरण किया जा चुका है। आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टीकाकरण के दौरान शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन कर रही हैं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) एसीएमओ डा. विश्राम सिंह ने बताया कि आशा-एएनएम उपकेंद्रों पर हर बुधवार और शनिवार को आयोजित ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) के अलावा शहरी व ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) पर भी टीकाकरण किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते कंटेनमेंट एरिया में अभी टीकाकरण अभियान नहीं चलाया जा रहा है। खोड़ा में संक्रमण अधिक होने के कारण वहां अभी टीकाकरण अभियान शुरू नहीं कराया जा सका है। गर्भवती महिलाओं को टीडी ( टिटनेस-डिप्थीरिया) का टीका लगाया गया। यह टीका गर्भ के तीसरे, पांचवें और सातवें माह में लगाया जाता है। इसके अलावा शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, पोलियो, आईपीबी, हेपेटाइटिस, डीपीटी, रोटा वायरस, पेंटा, एमआर और विटामिन ए का वैक्सीन दिया गया है।
एमआर के साथ विटामिन ए देना जरूरी
बच्चों को एमआर यानी मीजल्स-रूबेला का वैक्सीन देते समय विटामिन ए की खुराक दी जानी बहुत जरूरी होती है। डा. विश्राम सिंह ने बताया बच्चों को मीजल्स का टीका देने से निमोनिया होने का खतरा रहता है। इसलिए इसके टीके के साथ विटामिन ए की खुराक अनिवार्य रूप से दी जाती है। उन्होंने बताया बीसीजी का टीका बच्चे के जन्म से एक वर्ष तक की अवधि में दिया जाता है, जबकि आईपीबी यानी इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन डेढ़ माह और साढ़े तीन माह की आयु पर दिया जाता है।