सरकारी स्कूलों में होगा दाखिला, बालगृह में पढ़ेंगे स्वजन से बिछड़े बच्चे

अभिषेक सिंह गाजियाबाद अलग-अलग वजह से माता-पिता से जुदा होकर जिले के बालगृहों में पहुंचे ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST)
सरकारी स्कूलों में होगा दाखिला, बालगृह में पढ़ेंगे स्वजन से बिछड़े बच्चे
सरकारी स्कूलों में होगा दाखिला, बालगृह में पढ़ेंगे स्वजन से बिछड़े बच्चे

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद:

अलग-अलग वजह से माता-पिता से जुदा होकर जिले के बालगृहों में पहुंचे बच्चे अब पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल की पहल पर इन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा। जब इन बच्चों के माता-पिता मिलेंगे तो उनको स्कूल से टीसी दिलाई जाएगी, जिससे कि आगे की पढ़ाई बच्चे अपने स्वजन के साथ रहकर पूरी कर सकें। अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है।

पढ़ाने के लिए बालगृह में आएंगे शिक्षक बालगृह में रह रहे बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में होगा। लेकिन उनको पढ़ने के लिए रोजाना स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। बच्चों को पढ़ाने के लिए बालगृह में शिक्षक आएंगे। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर प्रत्येक बालगृह में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए कहा गया है। बालगृह में पाठ्य सामग्री का इंतजाम निजी स्कूलों की मदद से किया जाएगा। सप्ताह में दो दिन बच्चों को निजी स्कूलों में ले जाया जाएगा, जहां वह स्कूल गेम्स सहित अन्य गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे। छह बालगृह में रह रहे हैं 122 बच्चे जिले में छह बालगृह हैं। जिनमें से दो बालगृह में 10 साल तक के बच्चों रखा जाता है। 10 से 18 साल तक के बच्चों को रखने के लिए चार बालगृह संचालित हैं। इनमें से दो बालगृह में बालिकाओं को और दो में बालकों को रखा जाता है। 10 साल तक के बच्चों के रहने के लिए बने दोनों बालगृह में 27 बच्चे, 10-18 साल तक के बालकों के रहने के लिए बनाए गए बालगृहों में 45 बालक और 10-18 साल तक की बालिकाओं को रखने के लिए संचालित बालगृहों में 50 बालिकाएं हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के अलावा, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड तक के बच्चे हैं। बयान बालगृह में रहने वाले बच्चों का स्कूलों में दाखिला न होने के कारण वे पढ़ाई से वंचित हो रहे थे। कुछ संचालकों ने अपनी ओर से बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराया है। इनकी संख्या बहुत कम है। लेकिन अब समान रूप से बालगृहों में रह रहे सभी बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। अब तक 10 साल तक की उम्र के 12 बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा दिया गया है।

- विकास चंद्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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