गाजियाबाद की तीस कालोनियों की 378 हेक्टेयर भूमि का रिकार्ड नहीं

मदन पांचाल गाजियाबाद जीडीए द्वारा विकसित की गई तीस आवासीय कालोनियों की 378 हेक्टेयर जमीन क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 08:21 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 08:21 PM (IST)
गाजियाबाद की तीस कालोनियों की 378 हेक्टेयर भूमि का रिकार्ड नहीं
गाजियाबाद की तीस कालोनियों की 378 हेक्टेयर भूमि का रिकार्ड नहीं

मदन पांचाल, गाजियाबाद

जीडीए द्वारा विकसित की गई तीस आवासीय कालोनियों की 378 हेक्टेयर जमीन का कोई रिकार्ड नहीं है। कुल अधिगृहीत जमीन के सापेक्ष नियोजित की गई जमीन का सर्वे कराने के बाद पता चला है कि प्रत्येक कालोनी में नियोजित से अलग जमीन का अता-पता नहीं है। अब ले-आउट प्लान निकलवाकर जमीनों की कुंडली खंगाली जा रही है। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस बेशकीमती जमीन का जमीनी सर्वे करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर दिया है। भू-अर्जन, अभियंत्रण और नियोजन अनुभाग के अफसरों ने जमीन को खोजने का काम शुरू कर दिया है। पता चला है कि कुछ जमीन पर अतिक्रमण के साथ निर्माण हो गया है। कुछ जमीन खाली पड़ी है। कुछ जमीनों पर झुग्गियां बस गई हैं। इस जमीन की कीमत दो हजार करोड़ रुपये बताई गई है।

सबसे अधिक मधुबन-बापूधाम की जमीन होगी ट्रेस : सर्वे में पता चला है कि सबसे अधिक जमीन नई आवासीय कालोनी मधुबन-बापूधाम की रिकार्ड के अनुसार नियोजित नहीं हुई है। सबसे कम लोहिया नगर और कविनगर में जमीन ट्रेस होनी है। रिपोर्ट के अनुसार जीडीए के गठन से अब तक 184 गांवों की कुल 3,698 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। 3,390 हेक्टेयर नियोजित की जा चुकी है। 1,261 हेक्टेयर जमीन का उपयोग मार्ग, पार्क और ग्रीन वर्ज के लिए किया गया है। 1,935 हेक्टेयर जमीन विक्रय के लिए है।

टाप फाइव कालोनियों की जमीन का विवरण (हेक्टेयर में)

कालोनी अधिगृहीत जमीन नियोजित अंतर

मधुबन-बापूधाम 499.45 352.27 147.18

राजनगर 274.65 223.86 50.79

इंद्रप्रस्थ 168.75 130.55 38.21

प्रताप विहार 200.62 171.01 29.61

कोयल एंक्लेव 67.75 39.27 28.49 वर्जन

अब तक आवासीय कालोनी विकसित करने के लिए अधिगृहीत जमीन और नियोजित की गई जमीन के बीच अंतर है। अंतर वाली जमीन को खोजने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में इंदिरापुरम की चार हेक्टेयर जमीन का पता लगा लिया गया है। तीस कालोनियों की 378 हेक्टेयर जमीन को खोजने के बाद बिक्री करने पर अनुमानित दो हजार करोड़ की आय होगी। कर्ज उतारने के बाद विकास कार्यो पर इस धनराशि को खर्च किया जाएगा।

-कृष्णा करुणेश, जीडीए उपाध्यक्ष

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