सर्राफा दुकानों में चोरी करने वाले तीन बदमाश महिला सरगना समेत काबू

जागरण संवाददाता गाजियाबाद साहिबाबाद और मोदीनगर की सर्राफा दुकानों के शटर काटकर ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 07:58 PM (IST)
सर्राफा दुकानों में चोरी करने वाले तीन बदमाश महिला सरगना समेत काबू
सर्राफा दुकानों में चोरी करने वाले तीन बदमाश महिला सरगना समेत काबू

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : साहिबाबाद और मोदीनगर की सर्राफा दुकानों के शटर काटकर हुई चोरी की दो घटनाओं का पर्दाफाश कर पुलिस ने चार आरोपितको गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला और उसका पति भी शामिल है।

एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि साहिबाबाद क्षेत्र से बुधवार रात अल्टो कार में चोरी की फिराक में घूम रहे पसौंडा निवासी इंतजार, बागपत के सिघावली अहीर निवासी जाहिद और मेरठ के लिसाढ़ीगेट निवासी समीर और उसकी भाभी को गिरफ्तार किया है। इनसे 2.10 लाख रुपये, करीब पांच लाख रुपये का चांदी का सामान और गैस कटर व सिलेंडर मिला है। आरोपितों ने नौ फरवरी को शालीमार गार्डन और 26 फरवरी को मोदीनगर में गुरुद्वारा रोड स्थित सर्राफा दुकानों के शटर काटकर लाखों का माल चोरी किया था। हालांकि चोर मुख्य तिजोरी को नहीं काट पाए थे।

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कई राज्यों में फैला गिरोह

एसपी ग्रामीण ने बताया कि समीर का भाई तनवीर फरार है। चार साल से वह पत्नी के साथ गिरोह को चला रहा है। बीते 11 साल में गिरोह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बेंगलुरु, मुंबई और उत्तर प्रदेश में करीब 250 वारदात को अंजाम दे चुका है। इस साल दो माह में चार वारदात कर चुका है। हर राज्य में स्थानीय चोर इस गिरोह के लिए रेकी कर मुख्य बाजार से दूर स्थित छोटी सर्राफा दुकानों को चिह्नित करते हैं। दुकान चिह्नित होने के बाद तनवीर अपने मुख्य साथी संग फ्लाइट से जाता है। रात के समय शटर काटकर चोरी के बाद तनवीर अपनी पत्नी को फोन करता है। चोरी के बाद पत्नी भी फ्लाइट से वहां पहुंचती है। इसके बाद चोरी का सामान लेकर ट्रेन से मेरठ लौट आती है। यहां गिरोह से जुड़े तीन सर्राफा व्यापारियों को सामान बेच देती है। स्थानीय चोर ही वाहन व गैस कटर की व्यवस्था करते हैं, जिसके लिए उन्हें माल बेचकर मिली कीमत का 10-15 फीसद हिस्सा मिलता है। ----

बावरियों की तर्ज पर करते हैं वारदात

एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मेरठ से निकला यह गिरोह बावरियों की तर्ज पर वारदात करता है। हालांकि बावरिया लूट व डकैती और वारदात के दौरान हत्या भी करते हैं, मगर यह गिरोह सिर्फ चोरी की वारदात को अंजाम देता है। आरोपित सर्राफा दुकानों को ही निशाना बनाते हैं। तनवीर व उसके साथी पांच साल पहले मुंबई से जेल जा चुके हैं। इन्हें तेलंगाना में भी पकड़ा गया था। वहां की कई वारदात में आरोपित अभी भी फरार चल रहे हैं। वारदात के समय तनवीर स्थानी साथी का वाहन फर्जी नंबर लगाकर प्रयोग करता था। गाजियाबाद की दोनों वारदात में इंतजार की अल्टो कार ले गए थे।

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