एनजीटी के निर्देश पर महागुनपुरम पहुंची टीम, जांच के लिए सीवेज और पानी के सैंपल लिए

जासं गाजियाबाद मार्च-2021 में एनएच-9 के पास स्थित महागुनपुरम सोसायटी में दूषित पानी पीने से ब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:46 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:46 PM (IST)
एनजीटी के निर्देश पर महागुनपुरम पहुंची टीम, जांच के लिए सीवेज और पानी के सैंपल लिए
एनजीटी के निर्देश पर महागुनपुरम पहुंची टीम, जांच के लिए सीवेज और पानी के सैंपल लिए

जासं, गाजियाबाद: मार्च-2021 में एनएच-9 के पास स्थित महागुनपुरम सोसायटी में दूषित पानी पीने से बच्चों सहित कई लोग बीमार हो गए थे। इस मामले को स्थानीय निवासी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में ले गए। आरोप है कि सोसायटी में न तो मानक के अनुरूप शुद्ध पानी की आपूर्ति हो रही है न ही एसटीपी कार्य कर रहा है। एनजीटी के निर्देश पर गठित की गई कमेटी सोमवार को सोसायटी में पहुंची और जांच के लिए पेयजल और सीवेज के सैंपल लिए हैं। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही एनजीटी में दाखिल की जाएगी।

गठित कमेटी में अपर नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह, नगर निगम के जलकल विभाग के महाप्रबंधक योगेश कुमार, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के तहसीलदार दुर्गेश सिंह और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता किशन सिंह शामिल हैं। अपर नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि मार्च में हुई घटना के बाद जीडीए में एक बैठक की गई, जिसमें बिल्डर को दूसरे एसटीपी को तीन माह के अंदर चालू करने निर्देश दिए गए थे लेकिन एसटीपी का निर्माण कार्य भी अभी पूरा नहीं हो सका है। बिल्डर को जल्द ही इसे पूरा कराने के निदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता किशन सिंह ने बताया कि सीवेज की जांच यूपीसीबी की लैब में और पानी के सैंपल की जांच नगर निगम द्वारा कराई जाएगी।

मार्च में महागुनपुरम में किस वजह से फ्लैटों में दूषित पानी की आपूर्ति हुई, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। सोसायटी में एक एसटीपी है, दूसरे का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसे अब तक चालू किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। - योगेश कुमार, महाप्रबंधक, जलकल

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