गधी का दूध कोरोना में फायदेमंद होने की अफवाह ने बदली पालकों की किस्मत

हसीन शाह गाजियाबाद गधी के दूध से कोरोना को मात दी जा सकती है इस अफवाह से डासना के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 09:22 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 09:22 PM (IST)
गधी का दूध कोरोना में फायदेमंद होने की अफवाह ने बदली पालकों की किस्मत
गधी का दूध कोरोना में फायदेमंद होने की अफवाह ने बदली पालकों की किस्मत

हसीन शाह, गाजियाबाद :

गधी के दूध से कोरोना को मात दी जा सकती है, इस अफवाह से डासना के गधी पालकों को भारी मुनाफा हुआ। कोरोना काल में गधी का दूध चार हजार रुपये लीटर बिक गया। हैरतअंगेज बात ये है कि कोरोना के मद्देनजर गधी का दूध खरीदने वाले ज्यादातर उच्चवर्ग के लोग हैं। अब तक सौंदर्य उत्पाद बनाने के लिए भी कई कंपनियां गधी का दूध खरीद रही थीं। कार से दूध लेने पहुंचे लोग

डेंगू में बकरी का दूध फायदेमंद है, इस तरह की धारणा के कारण हर बार डेंगू काल में बकरी का दूध हजारों रुपये लीटर बिकने लगता है। इसी तरह कोरोना काल में गधी से दूध से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने की अफवाह फैल गई थी। धारणा थी कि दूध से कोरोना को मात दी जा सकती है और यह दूध कोरोना से सुरक्षा करता है। इस अफवाह में कुछ लोग कार लेकर डासना में गधी का दूध लेने पहुंचने शुरू हो गए। गधी पालक पहले कंपनी को दो से तीन हजार रुपये लीटर दूध बेच रहे थे। मांग बढ़ने पर दूध की कीमत दो से बढ़कर चार हजार रुपये कर दी गई। अब ज्यादातर लोगों के भीतर से कोरोना का डर निकल गया है, लिहाजा अब दूध की मांग भी कम हो गई है। अब दूध फिर दो हजार लीटर बिकने लगा है। काफी समय से सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियां डासना के गधी पालकों से दूध खरीद रही हैं। गधी के खान-पान पर दिया जा रहा ध्यान

पहले गधी की सूखी घास खिलाई जाती थी। जिस वजह से गधी कम दूध देती थी। डासना में करीब 60 गधी पालक रहते हैं। गधी पालक दूध बढ़ाने के लिए गधी के खान-पान पर ध्यान दे रहे हैं। गधी पालक ईट के भट्ठे पर गधी पर बोझा ढोते हैं। साथ ही गधी का दूध निकालकर कंपनी को बेच रहे हैं। इससे पहले वे दिनभर में 250 से 300 रुपये की मजदूरी करते थे। अब दूध बेचकर महीने में लगभग 25-30 हजार रुपये कमा लेते हैं। गधी बच्चे को जन्म देने के पांच माह तक ही दूध देती है। एक दिन में लगभग 400 मिलीलीटर तक दूध देती है।

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कोरोना काल में गधी के दूध की मांग बढ़ गई थी। मुझे दोगुना मुनाफा हुआ।

वसीम, गधी पालक

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गधी का दूध बिकने से आय बढ़ गई है। मगर हम गधी के खान-पान में कमी नहीं करते हैं। पहले हम सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियों को गधी का दूध बेचते थे, अचानक कोरोना काल में दूध की मांग बढ़ गई।

सलीम, गधी पालक

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गधी का दूध सौंदर्य उत्पाद बनाने में काम आ रहा है। लेकिन गधी के दूध से कोरोना ठीक होने का कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि दूध फायदेमंद जरूर होता है।

डॉ. महेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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