किसान स्मारक बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए प्रदर्शनकारी
अवनीश मिश्र साहिबाबाद तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगल
अवनीश मिश्र, साहिबाबाद: तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पुलिस-प्रशासन का दबाव होने के कारण यूपी गेट पर किसान स्मारक नहीं बनाया। उन्होंने मंच के पास अस्थाई शहीद स्मारक स्थापित किया। साथ ही उन्होंने प्रशासन से यहां खाली पड़ी जमीन को किसान स्मारक के लिए आवंटित करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने यूपी गेट के पास खाली पड़ी जमीन पर मंगलवार को किसान स्मारक बनाने का एलान किया था। इसे बनाने के लिए मंगलवार सुबह करीब 10 बजे प्रदर्शनकारी समाजसेवी मेधा पाटकर की अगुवाई में विभिन्न राज्यों से मटकी में मिट्टी लेकर यहां पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उनसे मिट्टी ली और स्वागत किया। सुबह करीब 11 बजे मंडलायुक्त मेरठ सुरेंद्र सिंह, पुलिस महानिरीक्षक मेरठ रेंज प्रवीण कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित पाठक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यहां पर पहुंच गए। बाडी प्रोटेक्टर लेकर पुलिसकर्मी भी डट गए। इसके पहले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राकेश टिकैत से बातचीत की थी। पुलिस-प्रशासन के दबाव का नतीजा यह रहा है कि प्रदर्शनकारी यहां पर किसान स्मारक बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। मंच के पास में अस्थाई शहीद स्मारक स्थापित किया। मंच से राकेश टिकैत ने सरकार व प्रशासन से यहां की खाली जमीन को किसान स्मारक के लिए आवंटित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा, तो वह अपने तरीके से किसान स्मारक बना लेंगे।
नवंबर-दिसंबर में सरकार करेगी बात: राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि धरना लंबा चलेगा। लग रहा है कि सरकार अब नवंबर-दिसंबर में बात करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे लाकडाउन लगे या कर्फ्यू धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस गलतफहमी को निकाल दे कि शाहीनबाग की तरह यहां के धरने को जबरन समाप्त करा देगी।