जमीन नही मिली, शव को अंतिम संस्कार के दिल्ली ले जाते हैं ईसाई समुदाय के लोग

जासं गाजियाबाद ईसाई समुदाय के लोगों की शहर में एक लाख से अधिक की आबादी है लेकिन यदि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:27 PM (IST)
जमीन नही मिली, शव को अंतिम संस्कार के दिल्ली ले जाते हैं ईसाई समुदाय के लोग
जमीन नही मिली, शव को अंतिम संस्कार के दिल्ली ले जाते हैं ईसाई समुदाय के लोग

जासं, गाजियाबाद: ईसाई समुदाय के लोगों की शहर में एक लाख से अधिक की आबादी है लेकिन यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाए तो उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए दो गज की जमीन भी शहर में उपलब्ध नहीं है। मजबूरन गाजियाबाद से शव लेकर दिल्ली जाना पड़ता है, जहां पर 27-30 हजार रुपये खर्च कर शव का अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

मंगलवार को यह मामला गाजियाबाद क्रिश्चियन लीडर्स फेलोशिप ने उठाया। उन्होंने बताया कि ईसाई समुदाय के लोगों के शव का अंतिम संस्कार अंग्रेजों के जमाने से कैला भट्ठा में होता रहा है लेकिन वहां पर अब जगह नहीं बची है। जमीन के एक हिस्से पर अवैध कब्जा भी कर लिया गया है। शव के अंतिम संस्कार के लिए जमीन की मांग 1997 से की जा रही है। 2014 में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कर अर्थला में आठ हजार वर्गमीटर जमीन देने की घोषणा की गई। तीन हजार वर्गमीटर जमीन पर ईसाई समुदाय के लोगों से रुपये लेकर तारबंदी भी कराई गई लेकिन अब तक जमीन उन्हें नहीं सौंपी गई है। जिस वजह से समस्या का समाधान नहीं हो सका है। कोरेाना काल में हुई थी परेशानी: गाजियाबाद क्रिश्चयन लीडर्स फेलोशिप के जनरल सेक्रेटरी पादरी मानेस्वर दास ने बताया कि कोरोना काल में ईसाई समुदाय के लोगों को शव का अंतिम संस्कार कराने में और मुश्किल हुई। गाजियाबाद में शव का अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया गया तो स्थानीय लोगों ने उनको ऐसा नहीं करने दिया। नगर निगम के अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत भी की गई, जिसे निगम अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। बयान यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है, जानकारी कर जल्द ही समस्या का समाधान करवाया जाएगा।

- आशा शर्मा,महापौर

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