हाईवे पर साढ़े तीन घंटे रहा किसान राज
परेशान रहे राहगीर -ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर रास्ते को दोनों ओर से कर दिया था बंद -साढ़
परेशान रहे राहगीर
-ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर रास्ते को दोनों ओर से कर दिया था बंद
-साढ़े तीन बजे धरने से उठे किसान, अधिकारियों की फूलती रही सांस
-कई थानों का पुलिसबल और आरआरएफ की कंपनी रही तैनात जागरण संवाददाता, मोदीनगर : कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को तहसील के सामने दिल्ली-मेरठ हाईवे जाम कर दिया। करीब साढ़े तीन घंटे किसान सड़क पर बैठे रहे। इस दौरान हाईवे पर दोनों तरफ करीब पांच किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम की स्थिति भयावह होने पर पुलिस ने हापुड़ और निवाड़ी की तरफ रूट डायवर्ट कराया।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान शुक्रवार को करीब साढ़े 11 बजे तहसील के सामने एकत्र हुए। योजनाबद्ध तरीके से किसानों ने तहसील के सामने 12 बजे जाम लगा दिया और वहीं पर धरने पर बैठ गए। कुछ लोगों ने निकलने की कोशिश की तो किसानों ने सड़क पर दोनों तरफ ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया। किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं। आने वाले समय में किसानों को बर्बाद करने की नीयत से सरकार यह कानून लाई है। सरकार के विरोध में नारेबाजी करते किसानों ने सड़क पर ही चाय और खाना बनाना भी शुरू कर दिया। इससे अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। अधिकारियों को लग गया कि किसान लंबे समय तक हाईवे पर बैठे रहने का विचार बना चुके हैं। इसके बाद मौके पर एसपी देहात नीरज कुमार जादौन, एसडीएम आदित्य प्रजापति, सीओ सदर महीपाल सिंह, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह से बात की, लेकिन उन्होंने शीर्ष नेतृत्व का आदेश मिले बगैर सड़क से उठने से साफ मना कर दिया। करीब साढ़े तीन बजे शीर्ष नेतृत्व का आदेश मिलने के बाद किसान सड़क से हटे और पुलिस ने यातायात को सुचारु कराकर राहत की सांस ली।
इस मौके पर जयकुमार मलिक, वेदपाल मुखिया, हर्षवर्धन त्यागी, रामअवतार त्यागी, कुलदीप त्यागी, सुशील त्यागी, पप्पी नेहरा आदि किसान मौजूद रहे। इस बारे में भाकियू जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व को दिल्ली जाने की अनुमति मिल गई है। अब शनिवार को भाकियू कार्यकर्ता दिल्ली के लिए कूच करेंगे। वहीं आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार की दमनकारी नीति को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार से लड़ाई लड़ने के लिए किसान तैयार है।
छावनी में तब्दील हुआ हाईवे : किसानों के आंदोलन को देखते हुए मोदीनगर, मुरादनगर, निवाड़ी, भोजपुर थाने का पुलिसबल हाईवे पर तहसील के आसपास तैनात किया गया था। इसके अलावा आरआरएफ की एक कंपनी को भी किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात किया गया था। किसानों की पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। अधिकारियों ने दखल देकर मामले को शांत कराया।
कराया गया रूट डायवर्ट : किसानों ने करीब 12 बजे हाईवे पर जाम लगाया। इससे हाईवे पर दोनों तरफ भयंकर जाम लग गया। गाजियाबाद से मेरठ की तरफ वाहनों की कतारें एक घंटे में ही तहसील से लेकर गंदे नाले को पार कर राज चौपले तक जा पहुंचीं। जबकि, मेरठ से गाजियाबाद की ओर वाहनों की कतारें कादराबाद को पार कर मेरठ के मोहीउद्दीनपुर तक पहुंच गई। जाम की भयावह स्थिति को देख अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने जाम में फंसे वाहनों को यू-टर्न कराकर वापस भेजा। जो लोग मेरठ या उससे आगे जाना चाहते थे, उनको हापुड़ रोड की तरफ डायवर्ट कराया गया। वहीं, जो लोग पीछे से आ रहे थे, उन्हें निवाड़ी रोड से गंगनहर होकर जाने की सलाह दी गई। इतना ही नहीं, पीछे से इनपुट मिलते ही गाजियाबाद की तरफ से आने वाले वाहनों को मुरादनगर में गंगनहर पटरी मार्ग की तरफ डायवर्ट कराया गया। इसके बाद हाईवे पर कुछ राहत मिल सकी। इस दौरान सबसे ज्यादा मुसीबत एंबुलेंस में सवार मरीज और तीमारदारों को हुई। हालांकि, अधिकारियों ने किसी तरह एंबुलेंस को जाम से निकलवाया। लेकिन, जो एंबुलेंस वाहनों के बीच में फंसी थीं, उनको निकलवाने में थोड़ी दिक्कत हुई। उधर, बसों में सवार लोगों को जब लगा कि जाम जल्दी से खुलने वाला नहीं है तो लोग पैदल ही गंतव्य की तरफ चल दिए। इनमें बच्चों के साथ जो महिलाएं थीं, उनको ज्यादा दिक्कत हुई।