कागजों में रोशन है शहर, हकीकत में जोनल कार्यालय ही अंधेरे में डूबा

अभिषेक सिंह गाजियाबाद कागजों की बात करें तो शहर में 58 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 08:53 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 08:53 PM (IST)
कागजों में रोशन है शहर, हकीकत में जोनल कार्यालय ही अंधेरे में डूबा
कागजों में रोशन है शहर, हकीकत में जोनल कार्यालय ही अंधेरे में डूबा

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद : कागजों की बात करें तो शहर में 58 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगी हैं और उनकी देखरेख के लिए 160 कर्मचारी और आठ अधिकारी तैनात हैं। दावा किया जाता है कि शहर में सड़कें स्ट्रीट लाइट की रोशनी से रोशन हैं। जबकि हकीकत यह है कि नगर निगम के जोनल कार्यालय ही अंधेरे में डूबे रहते हैं। इनके बाहर रोशनी के लिए हाईमास्ट लाइट लगाई गई है, जो जलती ही नहीं हैं। कविनगर जोनल कार्यालय: नगर निगम का कविनगर जोनल कार्यालय कविनगर के सी-ब्लाक में है। सी-ब्लाक मार्केट में देर रात तक लोगों का आवागमन लगा रहता है। यहां पर रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट और हाईमास्ट लाइट भी लगाई गई हैं, लेकिन कई माह से हाईमास्ट लाइट बंद है और स्ट्रीट लाइट में से कुछ ही जलती हुई नजर आती हैं। ऐसे में जोनल कार्यालय तो अंधेरे में डूबा रहता है सड़कों पर भी अंधेरा होने के कारण आवागमन करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कविनगर रामलीला मैदान: कविनगर रामलीला मैदान के पास चौराहे पर फैंसी लाइट लगाई गई है। जिससे कि चौराहा रोशनी से जगमग नजर आए और यहां पर आने वाले लोग अंधेरे के कारण परेशान न हों। लेकिन यह लाइट एक साल से भी अधिक समय से बंद पड़ी है। जबकि इस चौराहे के पास ही पूर्व में कई बार लूट और झपटमारी की वारदात हो चुकी हैं। न केवल फैंसी लाइट बल्कि यहां लगी स्ट्रीट लाइट भी बंद हैं। यहां भी अंधेरा: कविनगर में ही जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यालय भी है। उनके कार्यालय की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर भी शाम ढलते ही अंधेरा हो जाता है। जबकि यहां पर पोल के ऊपर स्ट्रीट लाइट लगी हैं। यह रास्ता आगे चलकर विवेकानंद नगर फ्लाईओवर की ओर जाने वाले रास्ते पर मिलता है, विवेकानंद नगर जाने वाले रास्ते पर शाम ढलते ही घना अंधेरा हो जाता है। बयान स्ट्रीट लाइट सभी जगह जलनी चाहिए, इस संबंध में सभी जोन के प्रकाश निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं। जहां स्ट्रीट लाइट अब तक नहीं जली हैं। उनके बारे में जानकारी कर प्रकाश निरीक्षकों से जवाब तलब किया जाएगा, जवाब संतोषजनक न होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी - योगेश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, प्रकाश विभाग

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