उपद्रव के बाद यूपी गेट किसान आंदोलन से उखड़ने लगे तंबू

जागरण संवाददाता साहिबाबाद गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की आड़ में उपद्रवियों द्वारा कि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 08:41 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:09 PM (IST)
उपद्रव के बाद यूपी गेट किसान आंदोलन से उखड़ने लगे तंबू
उपद्रव के बाद यूपी गेट किसान आंदोलन से उखड़ने लगे तंबू

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की आड़ में उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले के बाद से यूपी गेट किसान आंदोलन स्थल से तंबू उठना शुरू हो गए हैं। काफी संख्या में किसान मंगलवार रात में ही यहां से घरों को लौट गए, जबकि बुधवार दिनभर भी लौटते हुए नजर आए। गाड़ियां व ट्रालियां भी सामान से लदी हुई दिखीं। वहीं, तंबू भी खाली दिखाई दिए।

लाल किले पर उपद्रव के बाद यूपी गेट किसान आंदोलन पर बुधवार को दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। यहां कई जगह के तंबू उखड़े मिले तो कई जगह आंदोलनरत किसान यहां से सामान गाड़ियों व ट्रालियों में भरते दिखे। अधिकांश तंबू खाली पड़े मिले तो कुछ पूरी तरह से बंद मिले। दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद मंगलवार रात आंदोलन स्थल से तंबुओं का उखड़ना शुरू हो गया था। लोग रातों रात यहां से अपने घरों के लिए निकल गए। सुबह आंदोलन स्थल पर कई-कई दिनों से मौजूद लोग भी अपना सामान समेटकर घरों को लौटते नजर आए। दिल्ली जाने के लिए हाईवे की जिन लाइन को किसानों ने तंबू लगाकर बंद किया हुआ था। उनमें तंबुओं की संख्या काफी कम दिखाई दी।

आंदोलन स्थल के कई भंडारे व लंगर भी हुए बंद:

यूपी गेट पर जिस जोश के साथ आंदोलन स्थल पर आने वाले किसानों के लिए लंगर व भंडारे चल रहे थे। वह बुधवार को कई जगह बंद नजर आए। यहां खान-पान की सेवा में जुटने वालों के चेहरे पर भी कोई उत्साह नजर नहीं आया। कई लंगर व भंडारे का सामान समेटकर तंबू तक उतार लिया गया है।

अधिकांश किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए अलग-अलग जगह से काफी संख्या में पहुंचे थे। वह एक या दो दिन के लिए ही आए थे। अब वह वापस घरों को लौट गए हैं। कुछ किसान निजी काम के चलते घर को लौटे हैं, लेकिन वह जल्द ही वापस आ जाएंगे। बुधवार को वीएम सिंह ने आंदोलन छोड़ने की बात की है। वह कभी आंदोलन में शामिल ही नहीं थे। उन्हें बाहर रखा गया था। -जगतार सिंह बाजवा, किसान एकता मोर्चा समिति सदस्य

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