वार्ता करें या कोर्ट जाएं मंडोला के किसान: संयुक्त आयुक्त

जागरण संवाददाता, वसुंधरा : पिछले करीब एक साल से धरने पर बैठे मंडोला गांव के किसानों क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Jan 2018 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jan 2018 10:09 PM (IST)
वार्ता करें या कोर्ट जाएं मंडोला के किसान: संयुक्त आयुक्त
वार्ता करें या कोर्ट जाएं मंडोला के किसान: संयुक्त आयुक्त

जागरण संवाददाता, वसुंधरा : पिछले करीब एक साल से धरने पर बैठे मंडोला गांव के किसानों को आवास विकास परिषद अधिकारियों ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। अधिकारियों ने सोमवार को वसुंधरा कार्यालय पर प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि करीब दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति किसानों के विरोध के चलते बेकार हो गई है। किसानों को चाहिए कि वार्ता करें या कोर्ट जाएं जिससे समस्या का समाधान हो सके।

आवास विकास के संयुक्त आयुक्त महेंद्र प्रसाद ने बताया कि साल 1998 में धारा चार के तहत योजना का अधिग्रहण शुरू किया गया था। 2006 में अधिग्रहण को स्थगित कर दिया गया था। साल 2007 में एक बार फिर अधिग्रहण शुरू हुआ। साल 2009 में 1100 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से किसानों का मुआवजा घोषित किया गया। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि 2009 में जिस दर से मुआवजा घोषित किया गया वह उस समय की सर्वाधिक दर थी। जीडीए की मधुबन बापूधाम योजना के किसानों को भी इसी दर से मुआवजा दिया गया था। इस दौरान मंडोला विहार में भूमि देने वाले गांवों की जमीन का सर्किल रेट करीब 150 रुपये से लेकर 750 रुपये प्रति वर्गमीटर था। ऐसे में सर्किल रेट से भी अधिक मुआवजा किसानों को दिया गया। किसान अब वार्ता करने को भी तैयार नहीं है। बीस दिसंबर को होने वाली मंडलायुक्त की बैठक में भी किसानों ने हिस्सा नहीं लिया। ऐसे में समस्या का हल सिर्फ वार्ता से निकल सकता है। उन्होंने कहा कि किसान या तो वार्ता करें अथवा कोर्ट जाएं जिससे हल निकल सके। अर्धनग्न प्रदर्शन करने से किसी की तबीयत बिगड़ सकती है जो परिषद नहीं चाहता।

करीब दस हजार लोगों का आशियाना अधर में

मंडोला विहार योजना में 6752 फ्लैट पूरी तरह तैयार हैं। इसके अलावा करीब चार हजार फ्लैट निर्माणाधीन हैं। इन फ्लैटों का काम भी किसानों के प्रदर्शन के चलते अटक रहा है। आवास विकास परिषद 26 सौ एकड़ की योजना के लिए अभी तक करीब 94 फीसद जमीन का मुआवजा करीब एक हजार करोड़ रुपये भी दे चुका है। ऐसे में जनता के रुपये के दुरुपयोग का आरोप लग रहे हैं।

आज की दर से मुआवजा देने की मांग कर रहे किसान

किसानों की मांग है कि उन्हें नए नियमों के तहत आज की दर से मुआवजा दिया जाए। इसे लेकर की किसान करीब एक साल से लगातार धरने पर बैठे हैं। इतना ही नहीं पिछले करीब एक माह से किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे आविप अधिकारियों की ¨चता बढ़ी हुई है। किसान लगातार अपने नेता मनवीर तेवतिया को जिलाबदर किए जाने का विरोध कर रहे हैं।

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