सख्ती: गंदगी करने वाली औद्योगिक इकाइयों से 26 लाख का जुर्माना वसूला

जासं गाजियाबाद शहर मे कूड़ा निस्तारण में लापरवाही कर रहे प्रतिष्ठानों बैंक्वेट हा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 07:26 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:26 PM (IST)
सख्ती: गंदगी करने वाली औद्योगिक इकाइयों से 26 लाख का जुर्माना वसूला
सख्ती: गंदगी करने वाली औद्योगिक इकाइयों से 26 लाख का जुर्माना वसूला

जासं, गाजियाबाद: शहर मे कूड़ा निस्तारण में लापरवाही कर रहे प्रतिष्ठानों, बैंक्वेट हाल, औद्योगिक इकाइयों पर नगर निगम द्वारा 20 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है। अब तक 10 औद्योगिक इकाइयों और प्रतिष्ठानों से 26 लाख रुपये से ज्यादा की वसूली की जा चुकी है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथिलेश कुमार ने बताया कि ऐसी सोसायटी, प्रतिष्ठान, औद्योगिक इकाइयों को थोक अपशिष्ट उत्सर्जक (बल्क वेस्ट जनरेटर्स) माना गया है। जहां पर रोजाना 100 किलो से अधिक कूड़ा उत्सर्जित होता है। इन स्थानों पर कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाना आवश्यक है लेकिन कहीं पर भी प्लांट नहीं लगाया गया है। दो बार नोटिस देकर प्लांट लगवाने के लिए निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन नहीं किया गया। इसके बाद 436 औद्योगिक इकाइयों पर पर जुर्माना लगाया गया है। 532 सोसायटियां, प्रतिष्ठान, स्कूल और बैंक्वेट हाल को जुर्माने के लिए नोटिस जारी किया गया है, जवाब संतोषजनक न मिलने पर संबंधित पर जुर्माना लगाया जाएगा, जिन औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया जाएगा, उनको एक माह का समय प्लांट लगाने के लिए दिया जाएगा। निश्चित समय में प्लांट नहीं लगाया गया तो दोबारा जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा। तीसरी बार में एनओसी रद की जाएगी। जोन संख्या

सिटी जोन - 62

मोहन नगर जोन - 83

विजयनगर जोन - 49

कविनगर जोन - 76

वसुंधरा जोन - 166

योग - 436 जीडीए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आवास विकास को भेजा पत्र: नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने जीडीए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आवास विकास परिषद के अधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें किसी भी सोसायटी, प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाई को कूड़ा निस्तारण का इंतजाम न करने पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट न देने के लिए कहा गया है, इसके लिए संबंधित को पहले नगर निगम से संबंधित को एनओसी लेनी होगी। 400 टन कूड़ा होगा कम: नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि शहर में सभी औद्योगिक इकाइयों, प्रतिष्ठानों सहित थोक अपशिष्ट उत्सर्जक अगर अपने स्तर पर ही कूड़े का निस्तारण शुरू कर देंगे तो 400 टन कूड़ा नगर निगम को कम मिलेगा। ऐसे में कूड़ा निस्तारण को लेकर हो रही समस्या खत्म होगी।

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