अंत्येष्टि स्थल हादसे में कोरोना ने लटकाई एसआइटी की जांच

आयुष गंगवार गाजियाबाद मुरादनगर के उखलारसी में तीन जनवरी 2021 को अंत्येष्टि स्थल पर गैलरी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:33 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:33 PM (IST)
अंत्येष्टि स्थल हादसे में कोरोना ने लटकाई एसआइटी की जांच
अंत्येष्टि स्थल हादसे में कोरोना ने लटकाई एसआइटी की जांच

आयुष गंगवार, गाजियाबाद: मुरादनगर के उखलारसी में तीन जनवरी 2021 को अंत्येष्टि स्थल पर गैलरी गिरने से हुए हादसे में एसआइटी की जांच साढ़े पांच माह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। एसआइटी के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल में ही पांचों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। मगर अचानक कोरोना की दूसरी लहर आने और कोरोना क‌र्फ्यू लगने के कारण कुछ लोगों के बयान नहीं हो पाए। अधिकारियों ने दावा किया कि जांच अंतिम चरण में है। जल्द ही बयान दर्ज कर जांच पूरी कर लेंगे।

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पड़ोसी के अंतिम संस्कार में गए थे लोग उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल में तीन जनवरी की सुबह 11 बजे मुरादनगर निवासी जयराम का अंतिम संस्कार हो रहा था। लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि चंद दिनों पहले बनी गैलरी भरभराकर गिर गई। हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों घायल हो गए थे। घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करने और लापरवाही के आरोप में जयराम के बेटे दीपक ने मुरादनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने नगरपालिका की अधिशासी अधिकारी (ईओ) रहीं निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, कार्यदायी संस्था के ठेकेदार अजय त्यागी, उसके सुपरवाइजर आशीष और अजय की सहयोगी फर्म के मालिक संजय को गिरफ्तार किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर केस थाना एसआइटी लखनऊ को ट्रांसफर हुआ, जिसके बाद पांचों आरोपित भी डासना स्थित जिला कारागार से लखनऊ की जेल में ट्रांसफर कर दिए गए। अजय ने जेई व ईओ को 16 लाख रुपये की घूस देने की बात स्वीकार की थी।

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तय होगी जिम्मेदारों की जवाबदेही एसआइटी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पीड़ित और आरोपित पक्षों के बयान एसआइटी ने दर्ज कर लिए हैं। मगर निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखने के लिए जवाबदेह लोगों के बयान होने शेष हैं। एसआइटी के अधिकारी फिलहाल इन नामों को लेकर चुप्पी साधे हैं, लेकिन सूत्रों की माने तो इनमें पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के इंजीनियर व नगर पालिका के कर्मचारी शामिल हैं। इनसे पूछताछ के लिए एसआइटी ने सवालों की लंबी सूची तैयार कर रखी है ताकि हर एक जिम्मेदार की जवाबदेही तय हो सके।

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एसआइटी ने तय समय में ही विवेचना कर चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मगर तीन-चार लोगों के बयान दर्ज होने से पहले ही कोरोना क‌र्फ्यू लग गया। इन लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। जल्द ही जांच पूरी करेंगे।

- देव रंजन वर्मा, एसपी एसआइटी, लखनऊ

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