बना रही थी मिट्टी से शिवलिग, जमीन से निकले 'शिव'

मोहम्मद असलम मसूरी सड़क किनारे झोपड़ी में रहने वाले मजदूर की नौ वर्षीय बच्ची को मिट्टी में दबा शिवलिग मिलने का दावा किया जा रहा है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने वाली बच्ची कई दिन से मिट्टी का शिवलिग बनाने का प्रयास कर रही थी। बीते 26 जुलाई को शिवलिग बनाने के प्रयास के दौरान उसे काले पत्थर का शिवलिग दिखा। स्थानीय लोगों ने शिवलिग को पास के साई मंदिर में स्थापित कर दिया है। सावन माह में ऐसे शिवलिग मिलने को लोग भगवान शिव का आशीर्वाद मानकर उसकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:17 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:17 PM (IST)
बना रही थी मिट्टी से शिवलिग, जमीन से निकले 'शिव'
बना रही थी मिट्टी से शिवलिग, जमीन से निकले 'शिव'

मोहम्मद असलम, मसूरी: सड़क किनारे झोपड़ी में रहने वाले मजदूर की नौ वर्षीय बच्ची को मिट्टी में दबा शिवलिग मिलने का दावा किया जा रहा है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने वाली बच्ची कई दिन से मिट्टी का शिवलिग बनाने का प्रयास कर रही थी। बीते 26 जुलाई को शिवलिग बनाने के प्रयास के दौरान उसे काले पत्थर का शिवलिग दिखा। स्थानीय लोगों ने शिवलिग को पास के साई मंदिर में स्थापित कर दिया है। सावन माह में ऐसे शिवलिग मिलने को लोग भगवान शिव का आशीर्वाद मानकर उसकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

आकाश नगर कालोनी स्थित ग्रीन बेल्ट की एनएचएआइ घेराबंदी करा रहा है। यहां कार्यरत मध्य प्रदेश के रतलाम निवासी विनोद नाथ अपने परिवार सहित दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के नीचे झोपड़ी बनाकर रहते हैं। उनकी नौ वर्षीय बेटी आशा बाई ने बताया कि वह रोजाना मिट्टी से शिवलिग बनाने का प्रयास करती थी। वहीं बरसात से लगातार मिट्टी कटान हो रहा था। 26 जुलाई को आशा ने देखा कि काला पत्थर मिट्टी में दबा दिख रहा है। बाहर निकाला तो वह काले पत्थर का तराशा हुआ शिवलिग था। परिवार ने उसे धोकर 100 मीटर की दूरी पर निर्माणाधीन साई मंदिर की परिसर में ले जाकर रख दिया। वर्जन..

26 जुलाई को जमीन से मिले शिवलिग को धुलवाकर साई मंदिर परिसर में रखवा दिया है।

-भोपाल सिंह अधिकारी, आकाश नगर जमीन में दबा मिला शिवलिग पुरातत्विक महत्व का हो सकता है। पुरातत्व विभाग द्वारा इसकी जांच कराई जानी चाहिए।

-आशीष चौधरी, आकाश नगर हमारा पूरा परिवार सावन के महीने में भोले बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में बाबा ने खुद प्रकट होकर हमें दर्शन दिए हैं।

-सेना बाई, आशा की मां।

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