सलाखों के पीछे योग व संयम से कोरोना को मात दे रहे कैदी

आयुष गंगवार गाजियाबाद कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चपेट में जेल के कैदी भी आ रहे हैं मगर योग व संयम से कैदी-बंदी लगातार कोरोना संक्रमण को मात दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:59 PM (IST)
सलाखों के पीछे योग व संयम से कोरोना को मात दे रहे कैदी
सलाखों के पीछे योग व संयम से कोरोना को मात दे रहे कैदी

आयुष गंगवार, गाजियाबाद: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चपेट में जेल के कैदी भी आ रहे हैं, मगर योग व संयम से कैदी-बंदी लगातार कोरोना संक्रमण को मात दे रहे हैं। डासना स्थित जिला कारागार में फिलहाल 20 कैदी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे हैं, जबकि 30 से अधिक कैदी यह लड़ाई जीत चुके हैं। वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को जेल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है। इलाज के साथ नियमित व्यायाम और संतुलित आहार दिया जा रहा है। चिकित्सक इन पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। पुराने कैदियों का बचाव जरूरी : बीते साल कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शंभू दयाल इंटर कालेज में अस्थाई जेल बनाई गई थी। यहां 14 दिन रखने के बाद कैदियों को डासना जेल भेजा जाता था। अक्टूबर-2020 में जेल के अंदर ही अहाता 11-12 में अस्थाई जेल बना दी गई थी। जेल प्रबंधन का कहना है कि पुराने कैदियों का बचाव जरूरी है। इसीलिए न्यायिक हिरासत में भेजे गए कैदियों की रैपिड एंटीजन किट से जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें अस्थाई जेल में रखा जाता है। फिर आरटीपीसीआर जांच की जाती है। दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी 14 दिन तक के क्वारंटाइन करते हैं। जेल प्रबंधन के मुताबिक कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले अधिकांश नए कैदी ही हैं। इस साल आठ पुराने कैदी कोरोना संक्रमित हुए हैं, जबकि नए कैदियों की यही संख्या 50 से अधिक है। एल-1 मरीजों का ही होता है इलाज : जेल के चिकित्साधिकारी डॉ.नितिन प्रियदर्शी ने बताया कि जेल के आइसोलेशन सेंटर में फिलहाल 20 बेड हैं। जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या 60 तक बढ़ाई जा सकती है। जेल में आक्सीजन के पांच बड़े सिलिडर और मिनी वेंटिलेटर भी है। उन्होंने बताया कि जेल में कोरोना के सामान्य बिना लक्षण या कम लक्षण वाले एल-1 मरीजों का ही इलाज करते हैं। कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले कैदियों को आर्सेनिक एलबम दे दी गई थी। डॉ. नितिन ने बताया कि जेल में कोरोना मरीजों को दवाओं के साथ रोजाना योगासन कराते हैं। भाप दिलाने के साथ ही सभी के आक्सीजन स्तर की भी निगरानी कर रहे हैं। कैदियों को तेल से बने भोजन की बजाय प्रोटीनयुक्त सुपाच्य आहार देते हैं। कोरोना से लड़ रहे 20 कैदियों की भी तबीयत में सुधार आ रहा है।

वर्जन..

कैदी आमजन से अधिक अनुशासन में रहते हैं। संयम, योग और सकारात्मकता के साथ कैदी कोरोना को मात दे रहे हैं। इसी तरह से बाकी कैदी भी जल्द स्वस्थ होंगे।

- आलोक सिंह, अधीक्षक, जिला कारागार, डासना।

बॉक्स..

- जेल में अब संक्रमित हुए कुल कैदी- 151

- स्थाई जेल के कैदी- 60

- अस्थाई जेल के कैदी- 91

- कोरोना से ठीक हुए कैदी- 131

- आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कैदी- 20

- कोरोनारोधी टीके की पहली डोज मिली- 682

- कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज मिली- 210

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