..तो मुखबिरी के बूते सालों तक फलता-फूलता रहा पटाखे का अवैध कारोबार
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जागरण संवाददाता, मोदीनगर:
बखरवा में नौ लोगों की जान जाने के बाद जागा सिस्टम भले ही अब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के दावे करे, लेकिन यह सवाल लोगों के मन में बार-बार आ रहा है कि आखिर चार साल से इतना बड़ा अवैध कारोबार क्षेत्र में चल रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं थी? मामले में ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन से लेकर हर स्तर पर कई बार शिकायत की। उच्चाधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने छापामारी भी की, लेकिन मौके पर बारूद या कोई भी विस्फोटक सामग्री कभी बरामद नहीं हुई। ऐसे में साफ है कि यह सब पुलिस विभाग में आरोपित की अच्छी पैठ के बल पर ही संभव हो पाया। हर बार केवल जन्मदिन पार्टी में इस्तेमाल होने वाली फुलझड़ी और मोमबत्ती बनाए जाने की बात ही सामने आई। जबकि, वहां शुरू से ही पटाखे और शादी में छोड़े जाने वाले बम बनाए जा रहे थे। करीब 20 दिन पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ था। तहसील प्रशासन और उच्चाधिकारियों के दखल पर तत्कालीन एसएचओ देवपाल सिंह पुंडीर भारी पुलिसबल के साथ बखरवा में छापेमारी करने पहुंचे। लेकिन मौके पर उन्हें कोई भी विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। आसपास के लोगों ने बताया कि जिस दिन एसएचओ ने गांव में छापेमारी की थी। उसके पहले ही नितिन सतर्क हो गया था और बोरों में भरी विस्फोटक सामग्री उसने पास के मकान में रखवा दी थी। इसमें कोई संदेह नहीं कि छापेमारी की सूचना पुलिस के किसी व्यक्ति ने उसे पहले ही दे दी थी। जिसके चलते वह समय रहते सतर्क हो गया।
सूत्रों की माने तो मोदीपोन चौकी प्रभारी से लेकर वहां तैनात दूसरे पुलिसकर्मियों से भी नितिन की अच्छी उठ बैठ थी। लगातार उसकी आवाजाही चौकी पर बनी रहती थी। ऐसे में यदि निष्पक्ष जांच हुई और नितिन के मोबाइल को खंगाला जाए तो कई पुलिसकर्मियों के चेहरे बेनकाब होंगे। मोदीनगर पुलिस की अवैध कारोबार करने वालों से मिलीभगत का यह मामला कोई नया नहीं है। करीब दो माह एसपी देहात नीरज जादौन ने शराब माफिया रवि से मिलीभगत के मामले में तत्कालीन एसएसआइ दिनेश तालान समेत पांच पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया था। इतना ही नहीं, मोदीनगर में जो भी सीओ आए, उन्होंने रवि के यहां छापेमारी की। लेकिन कभी भी उसके यहां माल बरामद नहीं हुआ।
यह केवल पुलिस विभाग में आरोपित द्वारा पाले गए विभीषणों के कारण ही संभव हो पाया और अधिकारियों के दावों के बावजूद अवैध कारोबार चलता रहा। कुछ ऐसा ही हाल ही में कानपुर की घटना में भी हुआ है। जिसकी कीमत सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इस बारे में सीओ मोदीनगर प्रभात कुमार का कहना है कि पुलिस हर बिदु को ध्यान में रखकर कार्रवाई कर रही है। जिसकी भी मामले में संलिप्ता होगी। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।