वसीम रिजवी : एक रात पहले मंदिर पहुंचे, सुबह बदल गई वेशभूषा
अभिषेक सिंह गाजियाबाद डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म अपनाने के लिए वसीम रिजवी रविवार र
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद : डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म अपनाने के लिए वसीम रिजवी रविवार रात को ही पहुंच गए थे। सुबह के वक्त उनकी वेशभूषा बदल गई। वह हाथ में कलावा बांधे और माथे पर त्रिपुंड लगाए हुए नजर आए।
सुबह मीडिया को पता चला कि वसीम रिजवी सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं तो बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मंदिर पहुंचने लगे। सुरक्षा के लिए मंदिर के गेट पर ही पुलिस की टीम तैनात रही, जो प्रत्येक व्यक्ति को नाम-पता पूछने के बाद ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे रही थी। पंडित सुनोज शास्त्री ने बताया कि पहले पंचदेव का पूजन कराया गया। इसके बाद भगवान शिव का रुद्राभिषेक फिर मां बगलामुखी का हवन किया गया। इस बीच नामकरण संस्कार हुआ और अंत में भगवान शिव की आरती की गई। इस तरह वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बने। उन्होंने विधि विधान से पूजा - अर्चना की और जयकारे लगाए।
--------- एक माह पहले ही यति से जुड़े: यति नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि दो नवंबर 2021 को वसीम रिजवी का उनके पास फोन आया था, उन्होंने किताब का विमोचन उनके हाथों करवाने की इच्छा व्यक्त की। पहले तो उन पर शक हुआ लेकिन जब उन्होंने वाट्सएप पर कुछ वीडियो भेजी तो यकीन हो गया और उनको इजाजत दी। पांच नवंबर 2021 को मंदिर में वसीम रिजवी की किताब का विमोचन किया गया। इसके बाद फोन पर वार्ता होती रही और रविवार रात को उन्होंने सनातन धर्म अपनाने की बात कहकर मंदिर आने की इजाजत मांगी। वह स्वेच्छा से सनातन धर्म अपनाना चाहते थे, इसलिए उनका स्वागत किया गया।