पत्रावली से नहीं बनाई गई थी वरीयता सूची
- नगर निगम में बाबू की पदोन्नति में हेरफेर का मामला जासं गाजियाबाद फरवरी में नगर निगम मे
- नगर निगम में बाबू की पदोन्नति में हेरफेर का मामला
जासं, गाजियाबाद: फरवरी में नगर निगम में एक बाबू की पदोन्नति के लिए डीपीसी को भेजी गई वरीयता सूची मूल पत्रावली से नहीं बनाई गई थी। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार की जांच में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के बाद तलब हुए डीपीसी के मेंबर एवं अधिष्ठान बाबू पीयूष शर्मा पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। रक्षाबंधन की छुट्टी के चलते अपर नगर आयुक्त आज इस मामले में कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट नगर आयुक्त डॉ. दिनेश चंद्र को सौंपेंगे। वहीं पीयूष शर्मा ने अपना स्पष्टीकरण भेज भेजे गए कारण बताओ नोटिस को रद करने की मांग की है।
बता दें कि जल-कल विभाग में तैनात बाबू चोब सिंह ने शिकायत दी थी कि जून-2003 में नगर निगम में द्वितीय श्रेणी के लिपिक के पद पर उन्हें स्थायी किया गया था। इसी दिन एक और व्यक्ति का इसी पद पर स्थायीकरण हुआ था। फरवरी में प्रथम श्रेणी के लिपिक के पद पर उनका प्रमोशन होना था, क्योंकि साथ में स्थायी हुए व्यक्ति से वह उम्र में बड़े हैं। नियमानुसार उनका ही प्रमोशन होना था, लेकिन उक्त व्यक्ति की नियुक्ति एक दिन पहले दर्शाकर दूसरे व्यक्ति को प्रमोशन दे दिया गया। पीयूष की ओर से अपर नगर आयुक्त को भेजे जवाब में लिखा है कि दिसंबर-2019 में रिटायर्ड बाबू ने तैयार किया था। उनके रिटायर्ड होने पर पीयूष को इसका चार्ज मिला। डीपीसी होने पर उन्होंने रिटायर्ड अधिकारी की तैयार वरीयता सूची को चस्पा कर आपत्ति मांगी थी। मगर आपत्ति नहीं मिलीं। कहा कि यह त्रुटि उन्होंने जानबूझकर नहीं की है। ऐसे में उन्हें भेजा गया कारण बताओ नोटिस रद कर देना चाहिए। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि वरीयता सूची मूल पत्रावली से बनाई जाती तो यह गलती नहीं होती। डीपीसी को गलत सूची भेजी गई है। इसमें बाबू पीयूष की गलती सामने आई है। प्रमोद कुमार ने कहा कि पीयूष के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर नगर आयुक्त को वह आज रिपोर्ट सौंप देंगे।